"बहाउद्दीन गुरशास्प": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('*'''बहाउद्दीन गुरशास्प''' सुल्तान [[गयासुद्दीन तुग़लक़]...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''बहाउद्दीन गुरशास्प''' सुल्तान [[गयासुद्दीन तुग़लक़]] (1320-25 ई.) का भांजा था। जिस समय सुल्तान [[मुहम्मद तुग़लक़]] 1325 ई. में गद्दी पर बैठा, बहाउद्दीन गुरशास्प दक्षिण में सागर का हाक़िम था। उसने मुहम्मद तुग़लक़ को [[दिल्ली]] का सुल्तान मानने से इन्कार कर उसके विरुद्ध 1326-1327 ई. में विद्रोह कर दिया। बहाउद्दीन गुरशास्प पराजित करके बंदी बना लिया गया और उसी रूप में [[दिल्ली]] भिजवा दिया गया, जहाँ जीवित दशा में ही उसकी खाल खिंचवा ली गई। उसके शव को दिल्ली में घुमाया गया, ताकि राजद्रोह करने वालों को एक चेतावनी मिल सके। | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
11:31, 15 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
बहाउद्दीन गुरशास्प सुल्तान गयासुद्दीन तुग़लक़ (1320-25 ई.) का भांजा था। जिस समय सुल्तान मुहम्मद तुग़लक़ 1325 ई. में गद्दी पर बैठा, बहाउद्दीन गुरशास्प दक्षिण में सागर का हाक़िम था। उसने मुहम्मद तुग़लक़ को दिल्ली का सुल्तान मानने से इन्कार कर उसके विरुद्ध 1326-1327 ई. में विद्रोह कर दिया। बहाउद्दीन गुरशास्प पराजित करके बंदी बना लिया गया और उसी रूप में दिल्ली भिजवा दिया गया, जहाँ जीवित दशा में ही उसकी खाल खिंचवा ली गई। उसके शव को दिल्ली में घुमाया गया, ताकि राजद्रोह करने वालों को एक चेतावनी मिल सके।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 279।