"कब देखौंगी नयन वह मधुर मूरति -तुलसीदास": अवतरणों में अंतर
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कब | कब देखौगी नयन वह मधुर मूरति? | ||
राजिवदल-नयन, कोमल-कृपा-अयन, | राजिवदल-नयन, कोमल-कृपा-अयन, | ||
मयननि बहु छबि अंगनि | मयननि बहु छबि अंगनि दूरति॥1॥ | ||
सिरसि जटाकलाप पानि सायक चाप | सिरसि जटाकलाप पानि सायक चाप | ||
उरसि रुचिर बनमाल मूरति। | उरसि रुचिर बनमाल मूरति। | ||
तुलसीदास | तुलसीदास रघुबीर की सोभा सुमिरि, | ||
भई है मगन नहिं | भई है मगन नहिं तन की सूरति॥2॥ | ||
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05:35, 24 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
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कब देखौगी नयन वह मधुर मूरति? |
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