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'''पंचशिख''' पाँच शिखाओं (चोटियों) वाले एक [[ऋषि]] थे। इनका एक नाम 'कपिलेय' भी था। | '''पंचशिख''' पाँच शिखाओं (चोटियों) वाले एक [[ऋषि]] थे। इनका एक नाम 'कपिलेय' भी था। | ||
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पंचशिख | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- पंचशिख (बहुविकल्पी) |
पंचशिख पाँच शिखाओं (चोटियों) वाले एक ऋषि थे। इनका एक नाम 'कपिलेय' भी था।
- ये महामुनि आसुरी के शिष्य थे।
- इन्होंने ब्राह्मण पत्नी कपिला के स्तन का दुग्ध पान किया था, इसीलिए ‘कपिलेय’ कहलाये।
- पंचशिख ऋषि ने जनक को उपदेश दिया और धर्म का मार्ग बताया, और साथ ही विश्वावसु को भी धर्मोपदेश दिया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय संस्कृति कोश, भाग-2 |प्रकाशक: यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन, नई दिल्ली-110002 |संपादन: प्रोफ़ेसर देवेन्द्र मिश्र |पृष्ठ संख्या: 461 |
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