"सिल्ला माता मंदिर हनुमानगढ़": अवतरणों में अंतर

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*[[हनुमानगढ़]], [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है और हनुमानगढ़ एक [[हनुमानगढ़ पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है।  
[[चित्र:Sila-mata-temple.jpg|thumb|सिल्ला माता मंदिर, [[हनुमानगढ़]]]]
*सिल्ला माता का मंदिर अठारहवीं शताब्दी में स्थापित है। यह कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित सिल्ल पत्थर घग्घर नदी में बहकर आया था।
'''सिल्ला माता मंदिर''' [[हनुमानगढ़]] नगर, [[राजस्थान]] राज्य में स्थित है। सिल्ला माता का मंदिर अठारहवीं शताब्दी में स्थापित है। यह कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित सिल्ल पत्थर घग्घर नदी में बहकर आया था।
*यह मंदिर जिला मुख्यालय पर वैदिक नदी [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] के प्राचीन बहाव क्षेत्र में स्थित है।  
*यह मंदिर ज़िला मुख्यालय पर वैदिक नदी [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] के प्राचीन बहाव क्षेत्र में स्थित है।  
*इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि सिल्ला माता के सिल पीर में जो कोई भी दूध व पानी चढ़ाता है उसके त्वचा सम्बन्धी रोगों का निवारण हो जाता है।  
*इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि सिल्ला माता के सिल पीर में जो कोई भी दूध व पानी चढ़ाता है उसके त्वचा सम्बन्धी रोगों का निवारण हो जाता है।  
*इस मंदिर में प्रत्येक [[बृहस्पतिवार]] को मेला लगता है।
*इस मंदिर में प्रत्येक [[बृहस्पतिवार]] को मेला लगता है।


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सिल्ला माता मंदिर, हनुमानगढ़

सिल्ला माता मंदिर हनुमानगढ़ नगर, राजस्थान राज्य में स्थित है। सिल्ला माता का मंदिर अठारहवीं शताब्दी में स्थापित है। यह कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित सिल्ल पत्थर घग्घर नदी में बहकर आया था।

  • यह मंदिर ज़िला मुख्यालय पर वैदिक नदी सरस्वती के प्राचीन बहाव क्षेत्र में स्थित है।
  • इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि सिल्ला माता के सिल पीर में जो कोई भी दूध व पानी चढ़ाता है उसके त्वचा सम्बन्धी रोगों का निवारण हो जाता है।
  • इस मंदिर में प्रत्येक बृहस्पतिवार को मेला लगता है।


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