"ढाका": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "मुगल" to "मुग़ल") |
No edit summary |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''ढाका''' [[भारत]] के पड़ोसी देश [[बांग्लादेश]] की राजधानी है, जो [[गुप्त]] सम्राट [[समुद्रगुप्त]] की प्रयाग प्रशस्ति में उल्लिखित [[डावक]] है। ढाका को समुद्रगुप्त के साम्राज्य का प्रत्यंत देश कहा गया है। | |||
*जनश्रुति के अनुसार ढाकेश्वरी के मन्दिर के कारण यह स्थान ढाका कहलाया। | *जनश्रुति के अनुसार ढाकेश्वरी के मन्दिर के कारण यह स्थान ढाका कहलाया। | ||
*ढाका अपनी महीन मलमल के लिए | *ढाका अपनी महीन मलमल के लिए [[मध्य काल]] में दूर-दूर तक विख्यात था। यहाँ की मलमल का यूरोपीय देशों में निर्यात होता था। | ||
*[[मुग़ल काल]] में यह [[बंगाल]] के सूबे की राजधानी रहा था। | |||
*मुग़ल काल में यह [[बंगाल]] के सूबे की राजधानी | *ढाका पर सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी में यूरोपीय व्यापारियों की अनेक कोठियाँ बन गयी थीं। | ||
*ढाका पर सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी में यूरोपीय व्यापारियों की अनेक कोठियाँ बन गयी | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category:गुप्त काल]] | {{विदेशी स्थान}} | ||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | [[Category:विदेशी स्थान]][[Category:विदेशी नगर]][[Category:गुप्त काल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
[[Category: | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
13:52, 13 सितम्बर 2012 के समय का अवतरण
ढाका भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजधानी है, जो गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति में उल्लिखित डावक है। ढाका को समुद्रगुप्त के साम्राज्य का प्रत्यंत देश कहा गया है।
- जनश्रुति के अनुसार ढाकेश्वरी के मन्दिर के कारण यह स्थान ढाका कहलाया।
- ढाका अपनी महीन मलमल के लिए मध्य काल में दूर-दूर तक विख्यात था। यहाँ की मलमल का यूरोपीय देशों में निर्यात होता था।
- मुग़ल काल में यह बंगाल के सूबे की राजधानी रहा था।
- ढाका पर सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी में यूरोपीय व्यापारियों की अनेक कोठियाँ बन गयी थीं।
|
|
|
|
|