"संकर्षण": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[ब्रज]] के राजा | [[चित्र:Balarama.jpg|thumb|220px|[[बलराम]]]] | ||
{{लेख प्रगति|आधार= | '''संकर्षण''' भगवान [[श्रीकृष्ण]] के बड़े भाई 'बलराम' का ही एक अन्य नाम है, जिन्हें [[शेषनाग]] का [[अवतार]] माना जाता है। [[हिन्दू धर्म]] में कहीं-कहीं इन्हें भगवान [[विष्णु]] के अवतारों में भी गिना जाता है। | ||
*[[ब्रज]] के राजा बलराम या दाऊजी महाराज के जन्म के विषय में 'गर्ग पुराण' के अनुसार [[देवकी]] के सप्तम गर्भ को [[योगमाया]] ने संकर्षण कर [[रोहिणी]] के गर्भ में पहुँचाया था।<ref>जब [[कंस]] ने [[देवकी]]-[[वसुदेव]] के छ: पुत्रों को मार डाला, तब देवकी के गर्भ में भगवान [[बलराम]] पधारे थे। योगमाया ने उन्हें आकर्षित करके [[नन्द]] बाबा के यहाँ निवास कर रही [[रोहिणी]] के गर्भ में पहुँचा दिया। इसलिये उनका एक नाम 'संकर्षण' पड़ा।</ref> | |||
*[[भाद्रपद]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[षष्ठी]] के [[स्वाति नक्षत्र]] में [[वसुदेव]] की पत्नी रोहिणी, जो कि [[नंद|नन्दबाबा]] के यहाँ रहती थीं, के गर्भ से अनन्तदेव शेषावतार प्रकट हुए। इस कारण दाऊजी महाराज का दूसरा नाम 'संकर्षण' हुआ। | |||
*भाद्रपद मास के [[शुक्ल पक्ष]] की [[षष्ठी]] तिथि [[बुधवार]] के दिन मध्याह्न 12 बजे तुला लग्न तथा [[स्वाति नक्षत्र]] में बल्देव जी का जन्म हुआ था। | |||
*बल्देव जी के जन्म के समय पाँच ग्रह उच्च थे। इस समय आकाश से छोटी-छोटी [[वर्षा]] की बूँदें और [[देवता]] पुष्पों की वर्षा कर रहे थे। | |||
{{main|बलराम}} | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{कृष्ण2}}{{कृष्ण}}{{पौराणिक चरित्र}} | {{कृष्ण2}}{{कृष्ण}}{{पौराणिक चरित्र}} | ||
[[Category:पौराणिक चरित्र]] | [[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]] [[Category:कृष्ण काल]] | ||
[[Category:पौराणिक कोश]] | |||
[[Category:कृष्ण काल]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
09:15, 3 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
संकर्षण भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई 'बलराम' का ही एक अन्य नाम है, जिन्हें शेषनाग का अवतार माना जाता है। हिन्दू धर्म में कहीं-कहीं इन्हें भगवान विष्णु के अवतारों में भी गिना जाता है।
- ब्रज के राजा बलराम या दाऊजी महाराज के जन्म के विषय में 'गर्ग पुराण' के अनुसार देवकी के सप्तम गर्भ को योगमाया ने संकर्षण कर रोहिणी के गर्भ में पहुँचाया था।[1]
- भाद्रपद शुक्ल षष्ठी के स्वाति नक्षत्र में वसुदेव की पत्नी रोहिणी, जो कि नन्दबाबा के यहाँ रहती थीं, के गर्भ से अनन्तदेव शेषावतार प्रकट हुए। इस कारण दाऊजी महाराज का दूसरा नाम 'संकर्षण' हुआ।
- भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि बुधवार के दिन मध्याह्न 12 बजे तुला लग्न तथा स्वाति नक्षत्र में बल्देव जी का जन्म हुआ था।
- बल्देव जी के जन्म के समय पाँच ग्रह उच्च थे। इस समय आकाश से छोटी-छोटी वर्षा की बूँदें और देवता पुष्पों की वर्षा कर रहे थे।
मुख्य लेख : बलराम
|
|
|
|
|