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'''श्रमणगिरि''' [[बिहार]] में [[राजगृह]] के निकट स्थित पांच [[पर्वत|पर्वतों]] में परिगणित '[[ऋषिगिरि]]' का एक नाम। यहाँ [[बौद्ध]] काल में श्रमणों का निवास होने के कारण इस पहाड़ी को 'श्रमणगिरि' कहते थे। स्वर्णगिरि इसी का उच्चारण भेद है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=914|url=}}</ref>
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श्रमणगिरि एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- श्रमणगिरि (बहुविकल्पी)

श्रमणगिरि बिहार में राजगृह के निकट स्थित पांच पर्वतों में परिगणित 'ऋषिगिरि' का एक नाम। यहाँ बौद्ध काल में श्रमणों का निवास होने के कारण इस पहाड़ी को 'श्रमणगिरि' कहते थे। स्वर्णगिरि इसी का उच्चारण भेद है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 914 |

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