"सिटी पैलेस काम्पलेक्स उदयपुर": अवतरणों में अंतर
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'''सिटी पैलेस काम्पलेक्स''' [[राजस्थान]] राज्य के ख़ूबसूरत शहर [[उदयपुर]] का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल माना जाता है। | |||
*उदयपुर में सिटी पैलेस की स्थापना 16वीं शताब्दी में आरम्भ हुई। | |||
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*इसमें सात आर्क हैं। ये आर्क उन सात स्मरणोत्सवों का प्रतीक हैं जब राजा को सोने और चाँदी से तौला गया था तथा उनके वजन के बराबर सोना-चाँदी को | *इसमें सात आर्क हैं। ये आर्क उन सात स्मरणोत्सवों का प्रतीक हैं जब राजा को सोने और चाँदी से तौला गया था तथा उनके वजन के बराबर सोना-चाँदी को ग़रीबों में बाँट दिया गया था। इसके सामने की दीवार 'अगद' कहलाती है। यहाँ पर [[हाथी|हाथियों]] की लड़ाई का खेल होता था। | ||
*परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य 'त्रिपोलिया गेट' दिखेगा। | *परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य 'त्रिपोलिया गेट' दिखेगा। | ||
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*सूरज गोखड़ा एक ऐसा स्थान है जहाँ से महाराणा जनता की बातें सुनते थे, मुख्यत: कठिन परिस्थितियों में रहने वाले लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए उनसे बातें किया करते थे। | *सूरज गोखड़ा एक ऐसा स्थान है जहाँ से महाराणा जनता की बातें सुनते थे, मुख्यत: कठिन परिस्थितियों में रहने वाले लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए उनसे बातें किया करते थे। | ||
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11:29, 3 दिसम्बर 2016 के समय का अवतरण
सिटी पैलेस काम्पलेक्स उदयपुर
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विवरण | सिटी पैलेस काम्पलेक्स उदयपुर के पिछोला झील पर स्थित है। |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | उदयपुर ज़िला |
निर्माता | राजा उदय सिंह |
निर्माण काल | 1559-16 वीं शताब्दी |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 24.576°; पूर्व- 73.683° |
कब जाएँ | अक्टूबर से फ़रवरी |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल व सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। |
महाराणा प्रताप हवाई अड्डा डबौक में है। | |
उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन | |
बस अड्डा उदयपुर | |
बिना मीटर की टैक्सी, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा | |
क्या देखें | महल, झीलें, बगीचें, संग्रहालय तथा स्मारक |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
गूगल मानचित्र | |
अद्यतन | 10:52, 25 अगस्त 2011 (IST)
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सिटी पैलेस काम्पलेक्स राजस्थान राज्य के ख़ूबसूरत शहर उदयपुर का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल माना जाता है।
- उदयपुर में सिटी पैलेस की स्थापना 16वीं शताब्दी में आरम्भ हुई।
- सिटी पैलेस को स्थापित करने का विचार एक संत ने राणा उदयसिंह को दिया था। इस प्रकार यह परिसर 400 वर्षों में बने भवनों का समूह है।
- यह एक भव्य परिसर है। इसे बनाने में 22 राजाओं का योगदान था।
- इसमें सात आर्क हैं। ये आर्क उन सात स्मरणोत्सवों का प्रतीक हैं जब राजा को सोने और चाँदी से तौला गया था तथा उनके वजन के बराबर सोना-चाँदी को ग़रीबों में बाँट दिया गया था। इसके सामने की दीवार 'अगद' कहलाती है। यहाँ पर हाथियों की लड़ाई का खेल होता था।
- परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य 'त्रिपोलिया गेट' दिखेगा।
- यहाँ बालकनी, क्यूपोला[1] और बड़ी-बड़ी मीनारें इस महल से झीलों को एक सुंदर दृश्य के रूप में दर्शाती हैं।
- सूरज गोखड़ा एक ऐसा स्थान है जहाँ से महाराणा जनता की बातें सुनते थे, मुख्यत: कठिन परिस्थितियों में रहने वाले लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए उनसे बातें किया करते थे।
- मोर चौक एक ऐसा अन्य स्थान है जिसकी दीवारों को मोर के काँच से बने विविध नीले रंग के टुकड़ों से सजाया गया है।
- इससे आगे दक्षिण दिशा में 'फ़तह प्रकाश भ्ावन' तथा 'शिव निवास भवन' है। वर्तमान में दोनों को होटल में परिवर्तित कर दिया गया है
- इस परिसर में एक जगदीश मंदिर भी है।
- इसी परिसर का एक भाग सिटी पैलेस संग्रहालय है। इसे अब सरकारी संग्रहालय घोषित कर दिया गया है। वर्तमान में शम्भू निवास राजपरिवार का निवास स्थान है।
- इस परिसर में प्रवेश के लिए टिकट लगता है। बादी पॉल से टिकट लेकर आप इस परिसर में प्रवेश कर सकते हैं।
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वीथिका
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ Cupola- 'क्यूपोला' एक इमारत के शीर्ष पर बनने वाले छतरी नुमा ग़ुम्मद को कहते हैं।