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'''गेडरोजिया''' '[[मकरान]]' (प. पाकिस्तान) का [[यूनानी]] नाम है। [[रोम]] के [[इतिहास]] के प्रसिद्ध विद्वान लेखक गिबन ने भी गेडरोजिया का मकरान से अभिज्ञान किया है। संभवत: यह नाम मकरान के प्राचीन बंदरगाह '[[ग्वादूर]]' (संस्कृत-बंदर) का रूपांतर है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=295|url=}}</ref>
'''गेडरोजिया''' '[[मकरान]]' (प. पाकिस्तान) का [[यूनानी]] नाम है। [[रोम]] के [[इतिहास]] के प्रसिद्ध विद्वान् लेखक गिबन ने भी गेडरोजिया का मकरान से अभिज्ञान किया है। संभवत: यह नाम मकरान के प्राचीन बंदरगाह '[[ग्वादूर]]' (संस्कृत-बंदर) का रूपांतर है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=295|url=}}</ref>


*ग्वादूर [[अलक्षेंद्र]] के आक्रमण के समय तथा उसके पूर्व से ही गेडरोजिया का बंदरगाह था।
*ग्वादूर [[अलक्षेंद्र]] के आक्रमण के समय तथा उसके पूर्व से ही गेडरोजिया का बंदरगाह था।

14:27, 6 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

गेडरोजिया 'मकरान' (प. पाकिस्तान) का यूनानी नाम है। रोम के इतिहास के प्रसिद्ध विद्वान् लेखक गिबन ने भी गेडरोजिया का मकरान से अभिज्ञान किया है। संभवत: यह नाम मकरान के प्राचीन बंदरगाह 'ग्वादूर' (संस्कृत-बंदर) का रूपांतर है।[1]

  • ग्वादूर अलक्षेंद्र के आक्रमण के समय तथा उसके पूर्व से ही गेडरोजिया का बंदरगाह था।
  • अलक्षेंद्र पंजाब से यूनान वापस जाते समय मकरान के मार्ग से ही गया था।
  • यूनानी लेखकों के वृत्तान्त से सूचित होता है कि गेडरोजिया निवासी मत्स्यभक्षक थे। यहाँ के समुद्र तट पर ह्वेल मछलियाँ बहुतायत से मिलती थीं।
  • ह्वेल की हड्डियों से यहाँ के निवासी घर बनाते थे और इसके विशाल खुले जबड़ों से दरवाजों का काम लेते थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 295 |

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