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'''कीर्तिपुर''' [[भारत]] के पड़ोसी देश [[नेपाल]] में [[पाटन]] से तीन मील की दूरी पर पश्चिम में एक गोलाकार [[पर्वत]] पर स्थित प्राचीन नगर का नाम है। यह प्राचीन नगर चारों ओर मजबूत प्राचीरों से घिरा हुआ है।<ref>{{cite web |url=http:// | '''कीर्तिपुर''' [[भारत]] के पड़ोसी देश [[नेपाल]] में [[पाटन]] से तीन मील की दूरी पर पश्चिम में एक गोलाकार [[पर्वत]] पर स्थित प्राचीन नगर का नाम है। यह प्राचीन नगर चारों ओर मजबूत प्राचीरों से घिरा हुआ है।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0|title=कीर्तिपुर |accessmonthday=13 फ़रवरी|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
*कीर्तिपुर मूलत: नेवार राजवंश की राजधानी था। | *कीर्तिपुर मूलत: नेवार राजवंश की राजधानी था। |
12:21, 25 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
कीर्तिपुर भारत के पड़ोसी देश नेपाल में पाटन से तीन मील की दूरी पर पश्चिम में एक गोलाकार पर्वत पर स्थित प्राचीन नगर का नाम है। यह प्राचीन नगर चारों ओर मजबूत प्राचीरों से घिरा हुआ है।[1]
- कीर्तिपुर मूलत: नेवार राजवंश की राजधानी था।
- वर्ष 1765 ई. में गोरखा नरेश पृथ्वीनारायण देव ने इस नगर पर अधिकार कर लिया और पराजित नेवार जाति के सभी स्त्री-पुरुषों की नाकें काट डाली गयीं।
- सभी स्त्री-पुरुषों की नाक काट लिए जाने के कारण कीर्तिपुर नगर को 'नकटापुर' भी कहा जाता है।
- वर्तमान में कीर्तिपुर एक क़स्बा मात्र रह गया है।
- कीर्तिपुर के कई दर्शनीय प्राचीन अवशेष हैं। उनमें एक 1513 ई. का बना 'बाघ भैरव का मंदिर' और 1665 ई. में शेरिस्ताँ नेवार का बनवाया हुआ 'गणेश मंदिर' उल्लेखनीय है।
- 'चिलनदेव' नामक एक बौद्ध मंदिर भी यहाँ के दर्शनीय स्थलों में से एक है।
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