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'''कूमासी''' [[घाना|घाना राज्य]] के अशांती प्रांत की राजधानी और व्यापार का केंद्र है। इस नगर का नाम 'कूम-आसे' ([[अंग्रेज़ी]]: Kum-ase) नामक वृक्षों के नाम पर पड़ा है, जो यहाँ के प्रमुख मार्गों के दोनों ओर काफ़ी संख्या में उगते हैं।<ref>{{cite web |url=http:// | '''कूमासी''' [[घाना|घाना राज्य]] के अशांती प्रांत की राजधानी और व्यापार का केंद्र है। इस नगर का नाम 'कूम-आसे' ([[अंग्रेज़ी]]: Kum-ase) नामक वृक्षों के नाम पर पड़ा है, जो यहाँ के प्रमुख मार्गों के दोनों ओर काफ़ी संख्या में उगते हैं।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A5%82%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%80 |title=कूमासी |accessmonthday=01 मई|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
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*कूमासी के निकट दक्षिण में [[सोना|सोने]] की खान है, जिसका विकास सन [[1879]] ई. में किया गया था। | *कूमासी के निकट दक्षिण में [[सोना|सोने]] की खान है, जिसका विकास सन [[1879]] ई. में किया गया था। | ||
*20वीं सदी के आरंभ में यातायात की सुविधा, कोको का व्यापार तथा खानों के विकास के कारण यह नगर अशांती राज्य का व्यापार केंद्र बन गया है। | *20वीं सदी के आरंभ में यातायात की सुविधा, कोको का व्यापार तथा खानों के विकास के कारण यह नगर अशांती राज्य का व्यापार केंद्र बन गया है। | ||
*उत्तरी क्षेत्र के व्यापारी यहाँ भेड़, मक्खन तथा कच्चा चमड़ा पहुँचाते हैं और [[नमक]], वस्त्र, मिट्टी का तेल और कोला<ref>एक प्रकार की शराब</ref> ले जाते हैं। | *उत्तरी क्षेत्र के व्यापारी यहाँ भेड़, मक्खन तथा कच्चा चमड़ा पहुँचाते हैं और [[नमक]], वस्त्र, [[केरोसिन|मिट्टी का तेल]] और कोला<ref>एक प्रकार की शराब</ref> ले जाते हैं। | ||
*यहाँ का परिवहन अधिकतर सीरियन व्यापारियों के हाथ में है। 'किगस्वे' इस नगर का महत्वपूर्ण मार्ग है। | *यहाँ का परिवहन अधिकतर सीरियन व्यापारियों के हाथ में है। 'किगस्वे' इस नगर का महत्वपूर्ण मार्ग है। | ||
12:25, 25 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
कूमासी घाना राज्य के अशांती प्रांत की राजधानी और व्यापार का केंद्र है। इस नगर का नाम 'कूम-आसे' (अंग्रेज़ी: Kum-ase) नामक वृक्षों के नाम पर पड़ा है, जो यहाँ के प्रमुख मार्गों के दोनों ओर काफ़ी संख्या में उगते हैं।[1]
- सन 1874 में अंग्रेज़ों के आक्रमण करने से पहले यह एक सुनियोजित नगर था। यहाँ का राजप्रासाद लाल बलुए पत्थरों का बना था, जो आक्रमण के कारण नष्ट हो गया।
- सन 1896 ई. में अंग्रेज़ों ने इस नगर पर पुन: आक्रमण किया तथा वहाँ के राजा प्रेमपेह को निर्वासित कर दिया।
- कूमासी 1901 में अंग्रेज़ी राज्य में मिला लिया गया था। 1957 में घाना राज्य की स्थापना होने पर यह उसका अंग बन गया।
- यह नगर 'गिनी की खाड़ी' के तट पर स्थित तकोरदी एवं आक्रा नगरों से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा है। इस नगर से 130 मील लंबी सड़क पामू को जाती है, जो अशांती की पश्चिमी सीमा पर स्थित है।
- कूमासी के निकट दक्षिण में सोने की खान है, जिसका विकास सन 1879 ई. में किया गया था।
- 20वीं सदी के आरंभ में यातायात की सुविधा, कोको का व्यापार तथा खानों के विकास के कारण यह नगर अशांती राज्य का व्यापार केंद्र बन गया है।
- उत्तरी क्षेत्र के व्यापारी यहाँ भेड़, मक्खन तथा कच्चा चमड़ा पहुँचाते हैं और नमक, वस्त्र, मिट्टी का तेल और कोला[2] ले जाते हैं।
- यहाँ का परिवहन अधिकतर सीरियन व्यापारियों के हाथ में है। 'किगस्वे' इस नगर का महत्वपूर्ण मार्ग है।
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