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कूचवार पाणिनिकालीन एक नगर था। यह चीनी तुर्किस्तान में उत्तरी तरिम उपत्यका का नाम था, जिसका अर्वाचीन नाम कूचा है। चीनी भाषा में आजकल इसे 'कूची' कहते हैं।[1]

  • कूचा से प्राप्त अभिलेखों में कूचा के राजाओं को कूचीश्वर, कूचि महाराज, कौचेय, कौचेय वरेंद्र कहा गया है।
  • कूचा बहुत प्राचीन राज्य था।
  • चीन से पश्चिम जाने वाले रेशम पथों पर कूचा प्रसिद्ध केंद्र था।
  • चीनी यात्री तुरफान से कूचा होकर काशगर आते थे और वहाँ से कम्बोज (पामीर) और बाल्हीक (बल्ख) होते हुए भारतवर्ष में प्रवेश करते थे।
  • कूचा या मध्य एशिया से कौचप या कोजव नामक ऊनी वस्त्र (कालीन या नम्दे) आया करते थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 85 |

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