"ईसा ख़ान नियाज़ी": अवतरणों में अंतर
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'''ईसा ख़ान नियाज़ी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Isa Khan Niazi'') [[मुग़ल|मुग़लों]] के विरुद्ध लड़ने वाला [[सूर वंश]] के शासक [[शेरशाह सूरी]] के दरबार का एक [[अफ़ग़ान]] नवाब था। उसका मक़बरा [[हुमायूँ]] के मक़बरे के परिसर में उसके जीवन काल में ही बना था और उसके बाद उसके पूरे परिवार के लिये ही काम आया। मक़बरे के पश्चिम में एक तीन आंगन चौड़ी लाल बलुआ पत्थर की मस्जिद भी है। | '''ईसा ख़ान नियाज़ी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Isa Khan Niazi'') [[मुग़ल|मुग़लों]] के विरुद्ध लड़ने वाला [[सूर वंश]] के शासक [[शेरशाह सूरी]] के दरबार का एक [[अफ़ग़ान]] नवाब था। उसका मक़बरा [[हुमायूँ]] के मक़बरे के परिसर में उसके जीवन काल में ही बना था और उसके बाद उसके पूरे परिवार के लिये ही काम आया। मक़बरे के पश्चिम में एक तीन आंगन चौड़ी लाल बलुआ पत्थर की मस्जिद भी है। | ||
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12:43, 17 जून 2018 के समय का अवतरण
ईसा ख़ान नियाज़ी (अंग्रेज़ी: Isa Khan Niazi) मुग़लों के विरुद्ध लड़ने वाला सूर वंश के शासक शेरशाह सूरी के दरबार का एक अफ़ग़ान नवाब था। उसका मक़बरा हुमायूँ के मक़बरे के परिसर में उसके जीवन काल में ही बना था और उसके बाद उसके पूरे परिवार के लिये ही काम आया। मक़बरे के पश्चिम में एक तीन आंगन चौड़ी लाल बलुआ पत्थर की मस्जिद भी है।
मक़बरा
ईसा ख़ान नियाज़ी का मक़बरा हुमायूं के मक़बरे में प्रवेश होते ही सबसे पहले इसके दाऐं हाथ पर स्थित है। यह दुमंजिली इमारत है और इसके ऊपर गुंबद भी है। यह पूरे हुमायूं के मक़बरे परिसर का एक भाग है, लेकिन अपने आप में उससे अलग एक स्वतंत्र परिसर का आभास कराता है। ईसा ख़ान नियाज़ी का मक़बरा चारों ओर से दीवारों से घिरा है। इन दीवारों में छोटी-छोटी कोठरियां भी बनी हुई हैं। दीवारों के ठीक बीच में है मक़बरा-ए-ईसा खाँ, जिसमें छह कब्रें बनी हुई हैं। ये कब्रें नियाज़ी ईसा ख़ान और उसके परिजनों की हैं। इस मक़बरे की पश्चिम दिशा में एक मस्जिद भी है। यह परिसर हुमायूं के मक़बरे से बीस वर्ष पहले ईसा ख़ान के जीवन-काल में ही बन गया था। ईसा ख़ान नियाज़ी शेरशाह सूरी का एक दरबारी अमीर था।[1]
मस्जिद
परिसर के किनारे पर, कब्र से पार, ध्यान देने योग्य मिहिर के साथ एक मस्जिद है। इसे ईसा ख़ान की मस्जिद के नाम से जाना जाता है। इन संरचनाओं में उपस्थित वास्तु विवरणों में से कई, जैसे- एक दीवार के बगीचे की बाड़े में स्थित कब्र को देखा जा सकता है, जो मुख्य हुमायूं की कब्र में बड़े पैमाने पर विकसित है।
कब जाएँ
ईसा ख़ान नियाज़ी का मक़बरा घुमने का सबसे अच्छा वक्त है अक्टूबर से मार्च तक। इस दौरान मौसम खुशनुमा होता है। पर्यटक मक़बरे के अलग-अलग नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं। गर्मियों में दिल्ली का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इस वजह से पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे गर्मियों में दिल्ली न आएं।
स्थिति व समय
ईसा ख़ान का मक़बरा मथुरा मार्ग, हुमायूं का मक़बरा परिसर, नई दिल्ली में स्थित है। यह सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक खुला रहता है। भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क 10 रुपया और बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए 250 रुपया है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जानिए कौन थे ईसा खां नियाज़ी (हिंदी) indiadarshan.newsyojana.com। अभिगमन तिथि: 17 जून, 2018।
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