"ओम बिड़ला": अवतरणों में अंतर
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==परिचय== | ==परिचय== | ||
ओम बिड़ला का जन्म 4 दिसंबर, 1962 को राजस्थान के कोटा में हुआ। उनके [[पिता]] का नाम श्रीकृष्ण बिड़ला और [[माता]] का नाम स्व. शकुंतला देवी है। उनकी पत्नी का नाम डॉ. अमिता बिड़ला है। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। ओम बिड़ला ने अपनी शिक्षा के अंतर्गत एम. कॉम., राजकीय कॉमर्स कॉलेज, कोटा से किया और फिर महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, [[अजमेर]] से शिक्षा पूर्ण की। | ओम बिड़ला का जन्म 4 दिसंबर, 1962 को राजस्थान के कोटा में हुआ। उनके [[पिता]] का नाम श्रीकृष्ण बिड़ला और [[माता]] का नाम स्व. शकुंतला देवी है। उनकी पत्नी का नाम डॉ. अमिता बिड़ला है। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। ओम बिड़ला ने अपनी शिक्षा के अंतर्गत एम. कॉम., राजकीय कॉमर्स कॉलेज, कोटा से किया और फिर महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, [[अजमेर]] से शिक्षा पूर्ण की। | ||
==योगदान== | ==योगदान== | ||
*ओम बिड़ला ने विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से विकलांग, कैंसर रोगियों और थैलेसेमिया रोगियों की मदद की है। उन्होंने हरियाली के लिए कोटा में लगभग एक लाख पेड़ लगाने के लिए एक प्रमुख 'ग्रीन कोटा वन अभियान' लांच किया। | *ओम बिड़ला ने विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से विकलांग, कैंसर रोगियों और थैलेसेमिया रोगियों की मदद की है। उन्होंने हरियाली के लिए कोटा में लगभग एक लाख [[पेड़]] लगाने के लिए एक प्रमुख 'ग्रीन कोटा वन अभियान' लांच किया। | ||
*उन्होंने नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में [[खेल]] और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की एक प्रमुख योजना तैयार कर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली युवाओं को बढ़ावा देने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। | *उन्होंने नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में [[खेल]] और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की एक प्रमुख योजना तैयार कर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली युवाओं को बढ़ावा देने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। | ||
*उन्होंने 15 | *उन्होंने 15 हज़ार से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारियों को सम्मानित करने के लिए [[कोटा]] और [[बूंदी ज़िला|बूंदी]] में समारोह आयोजित किया, जो बेहद सफल रहा। | ||
*ओम बिड़ला ने [[बाढ़]] पीड़ितों की मदद के लिए राहत दल का नेतृत्व किया और [[15 अगस्त|15]]-[[16 अगस्त]], [[2004]] को कोटा शहर में बाढ़ पीड़ितों को आश्रय और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कीं। | *ओम बिड़ला ने [[बाढ़]] पीड़ितों की मदद के लिए राहत दल का नेतृत्व किया और [[15 अगस्त|15]]-[[16 अगस्त]], [[2004]] को कोटा शहर में बाढ़ पीड़ितों को आश्रय और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कीं। | ||
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ओम बिड़ला के राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल [[1978]] में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुमानपुरा, कोटा से हुई। वे यहां छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। छात्र राजनीति के बाद वे भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा के जिलाध्यक्ष बनाए गए। उन्होंने लगातार 6 साल तक प्रदेशाध्यक्ष के पद पर कार्य किया। वह अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वे राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ, [[नई दिल्ली]] के वाइस चेयरमैन भी रह चुके हैं। साथ ही [[वसुंधरा राजे सिंधिया|वसुंधरा राजे]] की सरकार में संसदीय सचिव भी रहे। | ओम बिड़ला के राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल [[1978]] में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुमानपुरा, कोटा से हुई। वे यहां छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। छात्र राजनीति के बाद वे भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा के जिलाध्यक्ष बनाए गए। उन्होंने लगातार 6 [[साल]] तक प्रदेशाध्यक्ष के पद पर कार्य किया। वह अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वे राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ, [[नई दिल्ली]] के वाइस चेयरमैन भी रह चुके हैं। साथ ही [[वसुंधरा राजे सिंधिया|वसुंधरा राजे]] की सरकार में संसदीय सचिव भी रहे। | ||
ओम बिड़ला साल [[2014]] में 16वीं लोकसभा के चुनाव में पहली बार सांसद बने। फिर [[2019]] के लोकसभा चुनाव में वे दोबारा इसी सीट से सांसद चुने गए। इससे पहले [[2003]], [[2008]] और [[2013]] में कोटा से ही विधायक बने। इस तरह वे 2 बार विधायक और 3 बार सांसद रह चुके हैं। [[2014]] में उन्हें सदस्य, याचिका समिति, सदस्य, ऊर्जा संबंधी स्थाई समिति और सदस्य, सलाहकार समिति, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के रूप में नियुक्त किया गया। | ओम बिड़ला साल [[2014]] में [[16वीं लोकसभा]] के चुनाव में पहली बार [[सांसद]] बने। फिर [[2019]] के [[लोकसभा चुनाव]] में वे दोबारा इसी सीट से सांसद चुने गए। इससे पहले [[2003]], [[2008]] और [[2013]] में कोटा से ही विधायक बने। इस तरह वे 2 बार [[विधायक]] और 3 बार सांसद रह चुके हैं। [[2014]] में उन्हें सदस्य, याचिका समिति, सदस्य, ऊर्जा संबंधी स्थाई समिति और सदस्य, सलाहकार समिति, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के रूप में नियुक्त किया गया। | ||
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11:00, 30 मार्च 2020 के समय का अवतरण
ओम बिड़ला
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पूरा नाम | ओम बिड़ला |
जन्म | 4 दिसंबर, 1962 |
जन्म भूमि | कोटा, राजस्थान |
अभिभावक | पिता- श्रीकृष्ण बिड़ला, माता- स्व. शकुंतला देवी |
पति/पत्नी | डॉ. अमिता बिड़ला |
संतान | दो बेटे और दो बेटियां |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | लोकसभा अध्यक्ष |
कार्य काल | 19 जून, 2019 से पदस्थ |
शिक्षा | एम. कॉम. |
विद्यालय | राजकीय कॉमर्स कॉलेज, कोटा; एमडीएस विश्वविद्यालय, अजमेर |
चुनाव-क्षेत्र | कोटा |
अन्य जानकारी | ओम बिड़ला साल 2014 में 16वीं लोकसभा के चुनाव में पहली बार सांसद बने। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में वे दोबारा इसी सीट से सांसद चुने गए। |
अद्यतन | 16:20, 30 मार्च 2020 (IST)
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ओम बिड़ला (अंग्रेज़ी: Om Birla, जन्म- 4 दिसंबर, 1962, कोटा, राजस्थान) भारतीय राजनीतिज्ञ और वर्तमान में लोकसभा के अध्यक्ष हैं। वे कोटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। ओम बिड़ला 2008 में तेहरवीं राजस्थान विधान सभा हेतु कोटा दक्षिण से विधायक भी रह चुके हैं। एक सक्रिय विधायक एवं सांसद होने के साथ-साथ उन्होंने कई लोकोपकारी सामाजिक कल्याण कार्यक्रम आरम्भ किए और चलाए। अपने राजनीतिक सफ़र के दौरान वह नेशनल कोल इंडिया लिमिटेड, नई दिल्ली और नेहरू युवा केन्द्र के डायरेक्टर रह चुके हैं।
परिचय
ओम बिड़ला का जन्म 4 दिसंबर, 1962 को राजस्थान के कोटा में हुआ। उनके पिता का नाम श्रीकृष्ण बिड़ला और माता का नाम स्व. शकुंतला देवी है। उनकी पत्नी का नाम डॉ. अमिता बिड़ला है। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। ओम बिड़ला ने अपनी शिक्षा के अंतर्गत एम. कॉम., राजकीय कॉमर्स कॉलेज, कोटा से किया और फिर महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर से शिक्षा पूर्ण की।
योगदान
- ओम बिड़ला ने विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से विकलांग, कैंसर रोगियों और थैलेसेमिया रोगियों की मदद की है। उन्होंने हरियाली के लिए कोटा में लगभग एक लाख पेड़ लगाने के लिए एक प्रमुख 'ग्रीन कोटा वन अभियान' लांच किया।
- उन्होंने नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की एक प्रमुख योजना तैयार कर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली युवाओं को बढ़ावा देने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया।
- उन्होंने 15 हज़ार से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारियों को सम्मानित करने के लिए कोटा और बूंदी में समारोह आयोजित किया, जो बेहद सफल रहा।
- ओम बिड़ला ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राहत दल का नेतृत्व किया और 15-16 अगस्त, 2004 को कोटा शहर में बाढ़ पीड़ितों को आश्रय और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कीं।
राजनीतिक जीवन
ओम बिड़ला के राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1978 में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुमानपुरा, कोटा से हुई। वे यहां छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। छात्र राजनीति के बाद वे भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा के जिलाध्यक्ष बनाए गए। उन्होंने लगातार 6 साल तक प्रदेशाध्यक्ष के पद पर कार्य किया। वह अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वे राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ, नई दिल्ली के वाइस चेयरमैन भी रह चुके हैं। साथ ही वसुंधरा राजे की सरकार में संसदीय सचिव भी रहे।
ओम बिड़ला साल 2014 में 16वीं लोकसभा के चुनाव में पहली बार सांसद बने। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में वे दोबारा इसी सीट से सांसद चुने गए। इससे पहले 2003, 2008 और 2013 में कोटा से ही विधायक बने। इस तरह वे 2 बार विधायक और 3 बार सांसद रह चुके हैं। 2014 में उन्हें सदस्य, याचिका समिति, सदस्य, ऊर्जा संबंधी स्थाई समिति और सदस्य, सलाहकार समिति, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के रूप में नियुक्त किया गया।
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