"उदय बिलास महल": अवतरणों में अंतर
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*इस महल का निर्माण महाराजा उदयसिंह द्वितीय ने 1883-87 ईस्वी के दौरान अपने शाही निवास के तौर पर करवाया था। | *इस महल का निर्माण महाराजा उदयसिंह द्वितीय ने 1883-87 ईस्वी के दौरान अपने शाही निवास के तौर पर करवाया था। | ||
*महल की वास्तुकला राजपुताना शैली की है। शानदार छज्जे, खिड़कियाँ, मेहराब, खम्बे और पैनल पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। महल की आंतरिक | *महल की वास्तुकला राजपुताना शैली की है। शानदार छज्जे, खिड़कियाँ, मेहराब, खम्बे और पैनल पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। महल की आंतरिक संरचना को आकर्षक चित्रकारी और खूबसूरत नक्काशी के साथ सजाया गया है। | ||
*यह रमणीय स्थान [[गैब सागर झील]] के किनारे स्थित है। | *यह रमणीय स्थान [[गैब सागर झील]] के किनारे स्थित है। | ||
*उदय बिलास महल के निर्माण में परेवा और बलवारिया पत्थरों का उपयोग किया गया है। | *उदय बिलास महल के निर्माण में परेवा और बलवारिया पत्थरों का उपयोग किया गया है। |
06:39, 6 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
उदय बिलास महल डूंगरपुर, राजस्थान में स्थित है। यह राजा महारावल उदयसिंह द्वितीय का राजसी आवास है, जो वास्तुकला और कला के प्रशंसक थे।
- इस महल का निर्माण महाराजा उदयसिंह द्वितीय ने 1883-87 ईस्वी के दौरान अपने शाही निवास के तौर पर करवाया था।
- महल की वास्तुकला राजपुताना शैली की है। शानदार छज्जे, खिड़कियाँ, मेहराब, खम्बे और पैनल पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। महल की आंतरिक संरचना को आकर्षक चित्रकारी और खूबसूरत नक्काशी के साथ सजाया गया है।
- यह रमणीय स्थान गैब सागर झील के किनारे स्थित है।
- उदय बिलास महल के निर्माण में परेवा और बलवारिया पत्थरों का उपयोग किया गया है।
- महल के तीन भाग हैं, जिन्हें 'रनिवास', 'उदयबिलास' और 'कृष्ण प्रकाश' या 'थम्बिया महल' कहा जाता है।
- वर्तमान में यह महल राजस्थान का एक प्रसिद्ध विरासत होटल है।
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