"इलियास शाह": अवतरणों में अंतर

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'''इलियास शाह''' [[पश्चिम बंगाल]] के स्वतंत्र बादशाह अलाउद्दीन अली शाह (1339-1345 ई.) का सौतेला भाई था। उसे 'हाजी' या 'मलिक इलियास' के नाम से भी जाना जाता था। वह 1345 ई. में अलाउद्दीन अली शाह के बाद राजगद्दी पर बैठा और 'शमसुद्दीन इलियास शाह' की पदवी धारण की। इसकी मृत्यु 1357 ई. में पंडुआ में हुई।
'''इलियास शाह''' [[पश्चिम बंगाल]] के स्वतंत्र बादशाह अलाउद्दीन अली शाह (1339-1345 ई.) का सौतेला भाई था। उसे 'हाजी' या 'मलिक इलियास' के नाम से भी जाना जाता था। वह 1345 ई. में अलाउद्दीन अली शाह के बाद राजगद्दी पर बैठा और 'शमसुद्दीन इलियास शाह' की पदवी धारण की। इसकी मृत्यु 1357 ई. में पंडुआ में हुई।


*इलियास शाह ने 1352 ई. में [[पूर्वी बंगाल]] को जीता तथा [[उड़ीसा]] और तिरहुत से खिराज़ वसूल किया।
*इलियास शाह ने 1352 ई. में [[पूर्वी बंगाल]] को जीता तथा [[उड़ीसा]] और [[तिरहुत]] से खिराज़ वसूल किया।
*उसने [[बनारस]] पर भी चढ़ाई करने की धमकी दी, जिससे [[दिल्ली]] का सुल्तान [[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] (1351-1388 ई.) भड़क उठा और उसने [[बंगाल]] पर हमला कर दिया।
*उसने [[बनारस]] पर भी चढ़ाई करने की धमकी दी, जिससे [[दिल्ली]] का सुल्तान [[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] (1351-1388 ई.) भड़क उठा और उसने [[बंगाल]] पर हमला कर दिया।
*इलियास अपनी राजधानी [[पंडुआ]] से हटकर पूर्वी बंगाल के 'इकडला' नामक स्थान पर चला गया।
*इलियास अपनी राजधानी [[पंडुआ]] से हटकर पूर्वी बंगाल के 'इकडला' नामक स्थान पर चला गया।
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*इलियास शाह का शासन काल अत्यन्त सफल रहा था।
*इलियास शाह का शासन काल अत्यन्त सफल रहा था।
*अपने शासन में उसने नया सिक्का चलाया और अपनी राजधानी में कई मस्जिदें और इमारतें बनवाईं।
*अपने शासन में उसने नया सिक्का चलाया और अपनी राजधानी में कई मस्जिदें और इमारतें बनवाईं।
*उसकी मृत्यु राजधानी पंडुआ में 1357 ई. में हुई।
*उसकी मृत्यु राजधानी [[पंडुआ]] में 1357 ई. में हुई।
*इलियास शाह के बाद उसके उत्तराधिकारियों की एक लम्बी श्रृंखला 1490 ई. तक [[बंगाल]] का शासन करती रहीं। इन सबकी गणना बंगाल के 'इलियासशाही वंश' में की जाती है।
*इलियास शाह के बाद उसके उत्तराधिकारियों की एक लम्बी श्रृंखला 1490 ई. तक [[बंगाल]] का शासन करती रहीं। इन सबकी गणना बंगाल के 'इलियासशाही वंश' में की जाती है।


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10:35, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

इलियास शाह पश्चिम बंगाल के स्वतंत्र बादशाह अलाउद्दीन अली शाह (1339-1345 ई.) का सौतेला भाई था। उसे 'हाजी' या 'मलिक इलियास' के नाम से भी जाना जाता था। वह 1345 ई. में अलाउद्दीन अली शाह के बाद राजगद्दी पर बैठा और 'शमसुद्दीन इलियास शाह' की पदवी धारण की। इसकी मृत्यु 1357 ई. में पंडुआ में हुई।

  • इलियास शाह ने 1352 ई. में पूर्वी बंगाल को जीता तथा उड़ीसा और तिरहुत से खिराज़ वसूल किया।
  • उसने बनारस पर भी चढ़ाई करने की धमकी दी, जिससे दिल्ली का सुल्तान फ़िरोज़शाह तुग़लक़ (1351-1388 ई.) भड़क उठा और उसने बंगाल पर हमला कर दिया।
  • इलियास अपनी राजधानी पंडुआ से हटकर पूर्वी बंगाल के 'इकडला' नामक स्थान पर चला गया।
  • वह फ़िरोज़शाह तुग़लक़ की फ़ौज को पीछे ढकेलने में सफल रहा और राज्य को सुरक्षित रखा।
  • इलियास शाह का शासन काल अत्यन्त सफल रहा था।
  • अपने शासन में उसने नया सिक्का चलाया और अपनी राजधानी में कई मस्जिदें और इमारतें बनवाईं।
  • उसकी मृत्यु राजधानी पंडुआ में 1357 ई. में हुई।
  • इलियास शाह के बाद उसके उत्तराधिकारियों की एक लम्बी श्रृंखला 1490 ई. तक बंगाल का शासन करती रहीं। इन सबकी गणना बंगाल के 'इलियासशाही वंश' में की जाती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 54।

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