"जूना महल, डूंगरपुर": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - "मुताबिक" to "मुताबिक़")
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 42: पंक्ति 42:


*इस महल की विशालता को देखते हुए यह महल से अधिक क़िला प्रतीत होता है।
*इस महल की विशालता को देखते हुए यह महल से अधिक क़िला प्रतीत होता है।
*पहले इसे पुराना महल कहकर पुकारा जाता था।
*यह प्राचीन महल पास की धनमता पहाड़ी की तलहटी पर स्थित है।
*अतीत से जुड़े पन्नों के मुताबिक़ यह महल 700 साल से भी पुराना है, जो अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
*पहले इसे 'बड़ा महल' या 'पुराना महल' कहकर पुकारा जाता था।
*जूना महल का निर्माण तब हुआ था, जब [[मेवाड़]] के शासक वंश के लोगों ने अलग होकर यहां अपना साम्राज्य स्थापित किया।
*जूना महल का निर्माण तब हुआ था, जब [[मेवाड़]] के शासक वंश के लोगों ने अलग होकर यहां अपना साम्राज्य स्थापित किया।
*महल के बाहरी क्षेत्र में बने आने जाने के संकर रास्ते दुश्मनों से बचाव के लिए बनाए गए थे।
*जानकारी के अनुसार इस महल को बनाने की शुरूआत रावल वीरसिंह देव ने की थी। इस महल के महत्व को समझने के बाद उनके बेटे रावल भुचंद ने इस महल में डुंगरपुर राज्य की राजधानी स्थानांतरित कर दी थी, जिसके बाद यह डूंगरपुर की सभी गतिविधियों का केंद्र बन गया था।
*महल के बाहरी क्षेत्र में बने आने-जाने के संकर रास्ते दुश्मनों से बचाव के लिए बनाए गए थे।
*इस महल के अंदर की सजावट में कांच, शीशों और लघु चित्रों का प्रयोग किया गया था।
*इस महल के अंदर की सजावट में कांच, शीशों और लघु चित्रों का प्रयोग किया गया था।
*जूना महल की दीवारों और छतों पर [[डूंगरपुर]] के [[इतिहास]] और 16वीं से 18वीं [[शताब्दी]] के बीच राजा रहे व्यक्तियों के चित्र उकेरे गए हैं।
*जूना महल की दीवारों और छतों पर [[डूंगरपुर]] के [[इतिहास]] और 16वीं से 18वीं [[शताब्दी]] के बीच राजा रहे व्यक्तियों के चित्र उकेरे गए हैं।
*इस महल में केवल वे मेहमान ही आ सकते हैं, जो उदयविलास महल में ठहरे हों।
*इस महल में केवल वे मेहमान ही आ सकते हैं, जो [[उदय बिलास महल]] में ठहरे हों।
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==वीथिका==
==वीथिका==
पंक्ति 55: पंक्ति 59:
चित्र:Juna-Mahal-Dungarpur-4.jpg|जूना महल
चित्र:Juna-Mahal-Dungarpur-4.jpg|जूना महल
चित्र:Juna-Mahal-Dungarpur-3.jpg|वास्तु-कला, जूना महल
चित्र:Juna-Mahal-Dungarpur-3.jpg|वास्तु-कला, जूना महल
चित्र:Juna-Mahal-Dungarpur-5.jpg| जूना महल
चित्र:Juna-Mahal-Dungarpur-6.jpg| जूना महल, डूंगरपुर
</gallery>
</gallery>
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

09:57, 11 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

जूना महल, डूंगरपुर
जूना महल, डूंगरपुर
जूना महल, डूंगरपुर
विवरण 'जूना महल' राजस्थान के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, जो डूंगरपुर में स्थित है। इस महल की विशालता को देखते हुए यह महल से अधिक क़िला प्रतीत होता है।
राज्य राजस्थान
ज़िला डूंगरपुर
निर्माण काल 13वीं शताब्दी
प्रसिद्धि पर्यटन स्थल
गूगल मानचित्र जूना महल
संबंधित लेख राजस्थान, डूंगरपुर, राजस्थान पर्यटन, शताब्दी, मेवाड़, इतिहास


अन्य जानकारी जूना महल के अंदर की सजावट में कांच, शीशों और लघु चित्रों का प्रयोग किया गया था।

जूना महल डूंगरपुर, राजस्थान के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। इस महल का निर्माण लगभग 13वीं शताब्दी में किया गया था। जूना महल सफ़ेद रंग के पत्थरों से बनाया गया है, जो देखने में काफ़ी शानदार है।

  • इस महल की विशालता को देखते हुए यह महल से अधिक क़िला प्रतीत होता है।
  • यह प्राचीन महल पास की धनमता पहाड़ी की तलहटी पर स्थित है।
  • अतीत से जुड़े पन्नों के मुताबिक़ यह महल 700 साल से भी पुराना है, जो अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
  • पहले इसे 'बड़ा महल' या 'पुराना महल' कहकर पुकारा जाता था।
  • जूना महल का निर्माण तब हुआ था, जब मेवाड़ के शासक वंश के लोगों ने अलग होकर यहां अपना साम्राज्य स्थापित किया।
  • जानकारी के अनुसार इस महल को बनाने की शुरूआत रावल वीरसिंह देव ने की थी। इस महल के महत्व को समझने के बाद उनके बेटे रावल भुचंद ने इस महल में डुंगरपुर राज्य की राजधानी स्थानांतरित कर दी थी, जिसके बाद यह डूंगरपुर की सभी गतिविधियों का केंद्र बन गया था।
  • महल के बाहरी क्षेत्र में बने आने-जाने के संकर रास्ते दुश्मनों से बचाव के लिए बनाए गए थे।
  • इस महल के अंदर की सजावट में कांच, शीशों और लघु चित्रों का प्रयोग किया गया था।
  • जूना महल की दीवारों और छतों पर डूंगरपुर के इतिहास और 16वीं से 18वीं शताब्दी के बीच राजा रहे व्यक्तियों के चित्र उकेरे गए हैं।
  • इस महल में केवल वे मेहमान ही आ सकते हैं, जो उदय बिलास महल में ठहरे हों।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख