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23:45, 3 जुलाई 2022 के समय का अवतरण
आज का दिन - 3 जुलाई 2024 (भारतीय समयानुसार)
- राष्ट्रीय शाके 1945, 12 गते 20, आषाढ़, सोमवार
- विक्रम सम्वत् 2080, आषाढ़, शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा, सोमवार, मूल
- इस्लामी हिजरी 1444, 14, ज़िलहिज्ज, पीर, शौला
- गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा, गोवर्धन परिक्रमा, अदूर गोपालकृष्णन (जन्म), हंसा मेहता (जन्म), हबीब उर रहमान लुधियानवी (जन्म), रामचंद्र दत्तात्रेय रानाडे (जन्म), सरोज ख़ान (मृत्यु), सुदर्शन अग्रवाल (मृत्यु), मोहम्मद उस्मान (मृत्यु), केदार पांडे (मृत्यु), अभिनेता राज कुमार (मृत्यु), मनोज कुमार पांडेय (बलिदान)
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भारतकोश हलचल
प्रदोष व्रत (15 जुलाई) • मासिक शिवरात्रि (15 जुलाई) • रोहिणी व्रत (14 जुलाई) • कामिदा एकादशी (13 जुलाई) • विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) • प्रथम श्रावण सोमवार व्रत (10 जुलाई) • भानु सप्तमी (09 जुलाई) • कालाष्टमी (09 जुलाई) • गणेश चतुर्थी (06 जुलाई) • श्रावण माह प्रारम्भ (04 जुलाई) • गोवर्धन परिक्रमा पूर्ण (03 जुलाई) • आषाढ़ पूर्णिमा (03 जुलाई) • गुरु पूर्णिमा (03 जुलाई) • वन महोत्सव (सप्ताह) (01 जुलाई) • भारतीय स्टेट बैंक स्थापना दिवस (01 जुलाई) • राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (01 जुलाई) • प्रदोष व्रत (01 जुलाई) • अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस (30 जून) • अन्तरराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस (30 जून) • हूल क्रान्ति दिवस (30 जून) • वासुदेव द्वादशी (30 जून) • ईद उल ज़ुहा (29 जून) • पंढरपुर यात्रा, महाराष्ट्र (29 जून) • सांख्यिकी दिवस (29 जून) • गोवर्धन परिक्रमा प्रारम्भ (29 जून) • देवशयनी एकादशी (29 जून) • गुप्त नवरात्र पूर्ण (27 जून) • अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस (26 जून) • दुर्गाष्टमी (26 जून) • स्कन्द षष्ठी (24 जून) • संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस (23 जून) • अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस (23 जून) • विनायक चतुर्थी (22 जून) • अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) • विश्व संगीत दिवस (21 जून) • विश्व शरणार्थी दिवस (20 जून) • जगन्नाथ रथयात्रा प्रारम्भ (20 जून)
जन्म
रामविलास पासवान (05 जुलाई) • पी. वी. सिंधु (05 जुलाई) • असग़र वजाहत (05 जुलाई) • सचिन नाग (05 जुलाई) • ज्योति खरे (05 जुलाई) • लालजी सिंह (05 जुलाई) • बी. एन. सरकार (05 जुलाई) • शरद पगारे (05 जुलाई) • सुशील कुमार (04 जुलाई) • गुलज़ारीलाल नन्दा (04 जुलाई) • दक्षिणानी वेलायुधन (04 जुलाई) • नसीम बानो (04 जुलाई) • विमलेश कांति वर्मा (04 जुलाई) • लक्ष्मीकांत पारसेकर (04 जुलाई) • अदूर गोपालकृष्णन (03 जुलाई) • हंसा मेहता (03 जुलाई) • रामचंद्र दत्तात्रेय रानाडे (03 जुलाई) • हबीब उर रहमान लुधियानवी (03 जुलाई)
मृत्यु
तोरु दत्त (05 जुलाई) • अनुग्रह नारायण सिन्हा (05 जुलाई) • स्वामी विवेकानन्द (04 जुलाई) • पिंगलि वेंकय्या (04 जुलाई) • अम्मू स्वामीनाथन (04 जुलाई) • भरत व्यास (04 जुलाई) • मोहम्मद उस्मान (03 जुलाई) • राज कुमार (03 जुलाई) • मनोज कुमार पांडेय (03 जुलाई) • सरोज ख़ान (03 जुलाई) • योगेश कुमार सभरवाल (03 जुलाई) • सुदर्शन अग्रवाल (03 जुलाई)
भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
यह एक तरह की ध्यानावस्था ही है। यह एक ऐसा ध्यान है जो किया नहीं जाता या धारण नहीं करना होता बल्कि स्वत: ही धारित हो जाता है... बस लग जाता है। मनोविश्लेषण की पुरानी अवधारणा के अनुसार कहें तो अवचेतन मस्तिष्क (सब कॉन्शस) में कहीं स्थापित हो जाता है। दिमाग़ में बादाम जितने आकार के दो हिस्से, जिन्हें ऍमिग्डाला (Amygdala) कहते हैं, कुछ ऐसा ही व्यवहार करते हैं। ये दोनों कभी-कभी दिमाग़ को अनदेखा कर शरीर के किसी भी हिस्से को सक्रिय कर देते हैं। असल में इनकी मुख्य भूमिका संवेदनात्मक आपातकालिक संदेश देने की होती है। इस तरह की ही कोई प्रणाली संभवत: अवचेतन के संदेशों के निगमन को संचालित करती है। ऍमिग्डाला की प्रक्रिया को 'डेनियल गोलमॅन' ने अपनी किताब इमोशनल इंटेलीजेन्स में बहुत अच्छी तरह समझाया है। ...पूरा पढ़ें
पिछले सभी लेख → | सफलता का शॉर्ट-कट -आदित्य चौधरी | शहीद मुकुल द्विवेदी के नाम पत्र | शर्मदार की मौत |
एक आलेख
संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें
पिछले आलेख → | राष्ट्रपति | रसखान की भाषा | मौर्य काल |
एक व्यक्तित्व
महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें
पिछले लेख → | पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर | जे. आर. डी. टाटा | आर. के. लक्ष्मण |
एक पर्यटन स्थल
डल झील का प्रमुख आकर्षण केन्द्र तैरते हुए बग़ीचे हैं। पौराणिक मुग़ल किलों में यहाँ की संस्कृति तथा इतिहास के दर्शन होते हैं। डल झील के पास ही मुग़लों के सुंदर एवं प्रसिद्ध पुष्प वाटिका से डल झील की आकृति और उभरकर सामने आती है। कश्मीर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय झील के तट पर स्थित है। शिकारे के माध्यम से सैलानी नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी, कुछ द्वीप जो यहाँ पर स्थित हैं, उन्हें देख सकते हैं। श्रद्घालुओं के लिए हज़रतबल तीर्थस्थल के दर्शन करे बिना उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। शिकारे के माध्यम से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल के दर्शन कर सकते हैं। दुनिया भर में यह झील विशेष रूप से शिकारों या हाऊस बोट के लिए जानी जाती है। डल झील के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता अधिक संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ... और पढ़ें
पिछले पर्यटन स्थल → | लक्षद्वीप | चंडीगढ़ | लाल क़िला |
एक रोग
कोरोना विषाणु (अंग्रेज़ी: Corona virus) कई प्रकार के विषाणुओं का एक समूह है, जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारण हैं। यह आर.एन.ए. विषाणु होते हैं। मानव में यह श्वास तंत्र संक्रमण का कारण बनते हैं, जो अधिकांशत: कम घातक लेकिन कभी-कभी जानलेवा सिद्ध होते हैं। गाय और सूअर में कोरोना विषाणु अतिसार और मुर्गियों में ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या एंटीवायरल अभी उपलब्ध नहीं है। साबुन से हाथ धोना ही बचाव का सबसे बेहतरीन तरीका है, क्योंकि कोरोना वायरस की बाहरी परत प्रोटीन या तैलीय लिपिड से बनी होती है, जिसे साबुन का पानी तोड़ देता है। इसके बाद वायरस का स्ट्रेन कमजोर पड़ जाता है। चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला '2019 नोवेल कोरोना विषाणु' इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण 2019-2020 से बड़ी ही तेज़ी से पूरे में फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे 'कोविड-19' (COVID-19) नाम दिया है। ...और पढ़ें
पिछले लेख → | डेंगू | मधुमेह | ऑटिज़्म |
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
महत्त्वपूर्ण आकर्षण
भारतकोश पर स्वतंत्र लेखन
कुछ लेख
सरोजिनी नायडू • पतंग • भूकंप • शक्तिपीठ • वल्लभाचार्य • आधुनिक काल • कृष्ण जन्मभूमि • कुम्भ मेला • लिपि • बौद्ध दर्शन |
भारतकोश ज्ञान का हिन्दी-महासागर
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ब्रज डिस्कवरी
ब्रज डिस्कवरी पर हम आपको एक ऐसी यात्रा का भागीदार बनाना चाहते हैं जिसका रिश्ता ब्रज के इतिहास, संस्कृति, समाज, पुरातत्व, कला, धर्म-संप्रदाय, पर्यटन स्थल, प्रतिभाओं आदि से है।
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