"विश्व कैंसर दिवस": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - " खतरा" to " ख़तरा")
छो (Text replacement - "मुताबिक" to "मुताबिक़")
 
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 9 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
==विश्व कैंसर दिवस==
|चित्र=World-cancer-day-Logo.png
 
|चित्र का नाम=विश्व कैंसर दिवस का प्रतीक चिह्न
आधुनिक विश्व में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है। विश्व में इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक मरीज हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद कैंसर के मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। इसी कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस की तरह मनाने का निर्णय लिया ताकि लोगों को इस भयानक बीमारी कैंसर से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा सकें और लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जा सकें।  
|विवरण=आधुनिक विश्व में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे सबसे ज़्यादा लोगों की मृत्यु होती है। विश्व में इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक मरीज़ हैं।
 
|शीर्षक 1=तिथि
ऐसा माना जा रहा है 2030 तक कैंसर के मरीजों की संख्या 1 करोड़ से भी अधिक हो सकती हैं। एक अनुमान के मुताबिक 2005 में 7.6 लाख लोग कैंसर से मौत के आगोश में समा गए थे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के मरने से और विश्व स्तर पर इस बीमारी के फैलने से सब चिंतित हैं।  
|पाठ 1=[[4 फ़रवरी]]
 
|शीर्षक 2=शुरुआत
अगर विश्व कैंसर दिवस के इतिहास के बारे में बात करें तो इसकी सही शुरुआत वर्ष 2005 से हुई थी। और तब से यह दिन विश्व में कैंसर के प्रति निरंतर जागरुकता फैला रहा है। भारत में भी इस दिन सभी स्वास्थ्य संगठनों ने जागरुकता फैलाने का निश्चय लिया है। भारत उन देशों में काफी आगे है जहां तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की वजह से कैंसर के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है।
|पाठ 2=वर्ष [[2005]]
 
|शीर्षक 3=उद्देश्य
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज तो अभी तक मुमकिन नहीं हो पाया है पर इसे काबू करना और इससे बचाव संभव है। वैसे कैंसर हो जाने पर इससे छुटकारा पाना मुश्किल होता है पर नामुमकिन नहीं। मरीज अगर दृढ़ इच्छाशक्ति से इस बीमारी का सामना करे और सही समय पर इलाज मुहैया हो तो इलाज संभव हो जाता है। साथ ही हमेशा से माना जाता है कि उपचार से बेहतर है बचाव। इसी तरह कैंसर होने के बचे रहने में ज्यादा समझदारी है।
|पाठ 3= कैंसर से होने वाले नुकसान के बारे में बताना और लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करना।
 
|शीर्षक 4=
===सावधानी बरतें===
|पाठ 4=
कैंसर से बचने के लिए तंबाकू उत्पादों का सेवन बिलकुल न करें, कैंसर का ख़तरा बढ़ाने वाले संक्रमणों से बचकर रहें, चोट आदि होने पर उसका सही उपचार करें और अपनी दिनचर्या को स्वस्थ बनाए। कैंसर के ज्यादातर मामलों में फेफड़े और गालों के कैंसर देखने में आते हैं, जो तंबाकू उत्पादों का अधिक सेवन करने का नतीजा होता है। ऐसे मामलों में उपचार बेहद जटिल हो जाता है और मरीज के बचने के चांस भी कम हो जाते हैं।
|शीर्षक 5=
इसके साथ ही आजकल महिलाओं में स्तन कैंसर काफी ज्यादा देखने में आ रहा है जो बेहद खतरनाक होने के साथ काफी पीड़ादायक होता है। यदि सही समय पर अगर इसके लक्षणों को पहचान कर उपचार किया जाए तो इसका इलाज बेहद सरल बन जाता है।
|पाठ 5=
कैंसर से सबसे ज्यादा ख़तरा होता है युवाओं को जो आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को तनाव मुक्त रखने के लिए धूम्रपान का सहारा लेते हैं।
|शीर्षक 6=
 
|पाठ 6=
विश्व को कैंसर मुक्त करने के लिए आप भी कदम बढ़ाएं और खुद तथा अपने सगे सबंधियों को तंबाकू, सिगरेट, शराब आदि से दूर रहने की सलाह दीजिए।
|शीर्षक 7=
 
|पाठ 7=
|शीर्षक 8=
|पाठ 8=
|शीर्षक 9=
|पाठ 9=
|शीर्षक 10=
|पाठ 10=
|संबंधित लेख=
|अन्य जानकारी=कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज तो अभी तक मुमकिन नहीं हो पाया है पर इसे काबू करना और इससे बचाव संभव है।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
'''विश्व कैंसर दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''World Cancer Day'') प्रत्येक वर्ष [[4 फ़रवरी]] को मनाया जाता है। आधुनिक विश्व में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे सबसे ज़्यादा लोगों की मृत्यु होती है। विश्व में इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक मरीज़ हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद कैंसर के मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। इसी कारण [[विश्व स्वास्थ्य संगठन]] ने हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस की तरह मनाने का निर्णय लिया ताकि लोगों को इस भयानक बीमारी कैंसर से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा सकें और लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जा सकें। ऐसा माना जा रहा है 2030 तक कैंसर के मरीजों की संख्या 1 करोड़ से भी अधिक हो सकती हैं। एक अनुमान के मुताबिक़ [[2005]] में 7.6 लाख लोग कैंसर से मौत के आगोश में समा गए थे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के मरने से और विश्व स्तर पर इस बीमारी के फैलने से सब चिंतित हैं।  
==शुरुआत==
विश्व कैंसर दिवस के इतिहास के बारे में बात करें तो इसकी सही शुरुआत वर्ष [[2005]] से हुई थी। और तब से यह दिन विश्व में कैंसर के प्रति निरंतर जागरुकता फैला रहा है। [[भारत]] में भी इस दिन सभी स्वास्थ्य संगठनों ने जागरुकता फैलाने का निश्चय लिया है। भारत उन देशों में काफ़ी आगे है जहां [[तंबाकू]] और अन्य नशीले पदार्थों की वजह से कैंसर के मरीजों की संख्या बहुत ज़्यादा है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज तो अभी तक मुमकिन नहीं हो पाया है पर इसे काबू करना और इससे बचाव संभव है। वैसे कैंसर हो जाने पर इससे छुटकारा पाना मुश्किल होता है पर नामुमकिन नहीं। मरीज़ अगर दृढ़ इच्छाशक्ति से इस बीमारी का सामना करे और सही समय पर इलाज मुहैया हो तो इलाज संभव हो जाता है। साथ ही हमेशा से माना जाता है कि उपचार से बेहतर है बचाव। इसी तरह कैंसर होने के बचे रहने में ज़्यादा समझदारी है।
===सावधानियाँ===
कैंसर से बचने के लिए तंबाकू उत्पादों का सेवन बिलकुल न करें, कैंसर का ख़तरा बढ़ाने वाले संक्रमणों से बचकर रहें, चोट आदि होने पर उसका सही उपचार करें और अपनी दिनचर्या को स्वस्थ बनाए। कैंसर के ज़्यादातर मामलों में फेफड़े और गालों के कैंसर देखने में आते हैं, जो तंबाकू उत्पादों का अधिक सेवन करने का नतीजा होता है। ऐसे मामलों में उपचार बेहद जटिल हो जाता है और मरीज़ के बचने के चांस भी कम हो जाते हैं। इसके साथ ही आजकल महिलाओं में स्तन कैंसर काफ़ी ज़्यादा देखने में आ रहा है जो बेहद खतरनाक होने के साथ काफ़ी पीड़ादायक होता है। यदि सही समय पर अगर इसके लक्षणों को पहचान कर उपचार किया जाए तो इसका इलाज बेहद सरल बन जाता है। कैंसर से सबसे ज़्यादा ख़तरा होता है युवाओं को जो आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में खुद को तनाव मुक्त रखने के लिए धूम्रपान का सहारा लेते हैं। विश्व को कैंसर मुक्त करने के लिए आप भी कदम बढ़ाएं और खुद तथा अपने सगे सबंधियों को [[तंबाकू]], सिगरेट, शराब आदि से दूर रहने की सलाह दीजिए।
==कैंसर==
==कैंसर==
कैंसर क्या है, कैंसर क्यों होता है, इसका इलाज क्या इत्यादि बातों को जानना जरूरी है। आइए जानें विश्व कैंसर दिवस पर कैंसर के बारे में कुछ और बातें।
कैंसर क्या है, कैंसर क्यों होता है, इसका इलाज क्या इत्यादि बातों को जानना ज़रूरी है। आइए जानें विश्व कैंसर दिवस पर कैंसर के बारे में कुछ और बातें।
 
===कैंसर क्या होता है===
===कैंसर क्या होता है===
शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है। जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन यदि कैंसर का सही समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार ना ह तो इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है।
शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है। जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन यदि कैंसर का सही समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार ना ह तो इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है। कैंसर के कई प्रकार हैं या यूं कहें कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप है। जैसे- स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, लंग कैंसर, त्वचा कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि।
 
====कैंसर के कारण====
कैंसर के कई प्रकार हैं या यूं कहें कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप है। जैसे- स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, लंग कैंसर, त्वचा कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि।
 
===कैंसर के कारण===
कैंसर कई तरह का होता है और हर कैंसर के होने के अलग-अलग कारण हैं। लेकिन कुछ मुख्य कारक ऐसे भी हैं जिनसे कैंसर होने का ख़तरा किसी को भी हो सकता है। ये कारक हैं-
कैंसर कई तरह का होता है और हर कैंसर के होने के अलग-अलग कारण हैं। लेकिन कुछ मुख्य कारक ऐसे भी हैं जिनसे कैंसर होने का ख़तरा किसी को भी हो सकता है। ये कारक हैं-
*वजन बढ़ना या मोटापा।
*वजन बढ़ना या मोटापा।
पंक्ति 32: पंक्ति 44:
*कैंसर में पौष्टिक आहार ना लेना।
*कैंसर में पौष्टिक आहार ना लेना।
*अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल ना करना।
*अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल ना करना।
===कैंसर के अन्य कारण===
===कैंसर के अन्य कारण===
कैंसर आनुवांशिक भी हो सकता है। कई बार कैंसर से पीडि़त माता या पिता के जीन बच्चे में भी आ जाते हैं जिससे बच्चे को भविष्य में कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
* कैंसर आनुवांशिक भी हो सकता है। कई बार कैंसर से पीडि़त माता या पिता के जीन बच्चे में भी आ जाते हैं जिससे बच्चे को भविष्य में कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
 
* किसी गंभीर बीमारी के कारण भी आपको कैंसर हो सकता है। यानी यदि आप किसी गंभीर बीमारी के लिए दवाएं ले रहे हैं तो इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं।
किसी गंभीर बीमारी के कारण भी आपको कैंसर हो सकता है। यानी यदि आप किसी गंभीर बीमारी के लिए दवाएं ले रहे हैं तो इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं।
* कई बार उम्र के बढ़ने के साथ भी शरीर में चुस्ती-फुर्ती नहीं रहती और उम्र के पड़ाव पर व्यक्ति बीमार पड़ने लगता है, ऐसे में कई बार कैंसर भी हो जाता है।
 
कई बार उम्र के बढ़ने के साथ भी शरीर में चुस्ती-फुर्ती नहीं रहती और उम्र के पड़ाव पर व्यक्ति बीमार पड़ने लगता है, ऐसे में कई बार कैंसर भी हो जाता है।
 
===कुछ प्रमुख कैंसर===
===कुछ प्रमुख कैंसर===
क्या आप जानते हैं देश में सबसे अधिक होने वाली मौतों में कुछ कैंसर प्रमुख हैं-
क्या आप जानते हैं देश में सबसे अधिक होने वाली मौतों में कुछ कैंसर प्रमुख हैं-
* महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाश्य कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से सबसे अधिक मौते होते हैं।
* महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाश्य कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से सबसे अधिक मौते होते हैं।
* पुरूषों में सबसे अधिक मौत लंग, स्टमक, लीवर, कोलेस्ट्रोल और ब्रेन कैंसर से होती है।
* पुरुषों में सबसे अधिक मौत फुस्फुस, [[आमाशय]], यकृत, कोलेस्ट्रोल और ब्रेन कैंसर से होती है।
* कैंसर से मरने वाले लोगों में महिलाओं का प्रतिशत पुरूषों से अधिक है।
* कैंसर से मरने वाले लोगों में महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक है।
 
आपको पता होना चाहिए कि भारत में 30 लाख से भी अधिक लोग कैंसर से पीडि़त हैं। इतना ही नहीं भारत में दुनिया में 15 लाख महिलाओं की मृत्यु नशीले पदार्थों के सेवन से होती है।


आप यदि कैंसर से बचना चाहते हैं तो आपको अपनी जीवनशैली नियंत्रि‍त करनी होगी। इतना ही नहीं आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान होगा।
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
 
*[http://www.worldcancerday.org/ आधिकारिक वेबसाइट]
*[http://www.uicc.org/convening/world-cancer-day/about World Cancer Day]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दिवस}}
[[Category:नया पन्ना जुलाई-2012]]
[[Category:अंतरराष्ट्रीय दिवस]][[Category:महत्त्वपूर्ण दिवस]][[Category:चिकित्सा विज्ञान]][[Category:समाज कोश]][[Category:विज्ञान कोश]]
 
__INDEX__
__INDEX__
[[Category:महत्त्वपूर्ण_दिवस]]

10:03, 11 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

विश्व कैंसर दिवस
विश्व कैंसर दिवस का प्रतीक चिह्न
विश्व कैंसर दिवस का प्रतीक चिह्न
विवरण आधुनिक विश्व में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे सबसे ज़्यादा लोगों की मृत्यु होती है। विश्व में इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक मरीज़ हैं।
तिथि 4 फ़रवरी
शुरुआत वर्ष 2005
उद्देश्य कैंसर से होने वाले नुकसान के बारे में बताना और लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करना।
अन्य जानकारी कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज तो अभी तक मुमकिन नहीं हो पाया है पर इसे काबू करना और इससे बचाव संभव है।

विश्व कैंसर दिवस (अंग्रेज़ी: World Cancer Day) प्रत्येक वर्ष 4 फ़रवरी को मनाया जाता है। आधुनिक विश्व में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे सबसे ज़्यादा लोगों की मृत्यु होती है। विश्व में इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक मरीज़ हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद कैंसर के मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। इसी कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस की तरह मनाने का निर्णय लिया ताकि लोगों को इस भयानक बीमारी कैंसर से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा सकें और लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जा सकें। ऐसा माना जा रहा है 2030 तक कैंसर के मरीजों की संख्या 1 करोड़ से भी अधिक हो सकती हैं। एक अनुमान के मुताबिक़ 2005 में 7.6 लाख लोग कैंसर से मौत के आगोश में समा गए थे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के मरने से और विश्व स्तर पर इस बीमारी के फैलने से सब चिंतित हैं।

शुरुआत

विश्व कैंसर दिवस के इतिहास के बारे में बात करें तो इसकी सही शुरुआत वर्ष 2005 से हुई थी। और तब से यह दिन विश्व में कैंसर के प्रति निरंतर जागरुकता फैला रहा है। भारत में भी इस दिन सभी स्वास्थ्य संगठनों ने जागरुकता फैलाने का निश्चय लिया है। भारत उन देशों में काफ़ी आगे है जहां तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की वजह से कैंसर के मरीजों की संख्या बहुत ज़्यादा है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज तो अभी तक मुमकिन नहीं हो पाया है पर इसे काबू करना और इससे बचाव संभव है। वैसे कैंसर हो जाने पर इससे छुटकारा पाना मुश्किल होता है पर नामुमकिन नहीं। मरीज़ अगर दृढ़ इच्छाशक्ति से इस बीमारी का सामना करे और सही समय पर इलाज मुहैया हो तो इलाज संभव हो जाता है। साथ ही हमेशा से माना जाता है कि उपचार से बेहतर है बचाव। इसी तरह कैंसर होने के बचे रहने में ज़्यादा समझदारी है।

सावधानियाँ

कैंसर से बचने के लिए तंबाकू उत्पादों का सेवन बिलकुल न करें, कैंसर का ख़तरा बढ़ाने वाले संक्रमणों से बचकर रहें, चोट आदि होने पर उसका सही उपचार करें और अपनी दिनचर्या को स्वस्थ बनाए। कैंसर के ज़्यादातर मामलों में फेफड़े और गालों के कैंसर देखने में आते हैं, जो तंबाकू उत्पादों का अधिक सेवन करने का नतीजा होता है। ऐसे मामलों में उपचार बेहद जटिल हो जाता है और मरीज़ के बचने के चांस भी कम हो जाते हैं। इसके साथ ही आजकल महिलाओं में स्तन कैंसर काफ़ी ज़्यादा देखने में आ रहा है जो बेहद खतरनाक होने के साथ काफ़ी पीड़ादायक होता है। यदि सही समय पर अगर इसके लक्षणों को पहचान कर उपचार किया जाए तो इसका इलाज बेहद सरल बन जाता है। कैंसर से सबसे ज़्यादा ख़तरा होता है युवाओं को जो आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में खुद को तनाव मुक्त रखने के लिए धूम्रपान का सहारा लेते हैं। विश्व को कैंसर मुक्त करने के लिए आप भी कदम बढ़ाएं और खुद तथा अपने सगे सबंधियों को तंबाकू, सिगरेट, शराब आदि से दूर रहने की सलाह दीजिए।

कैंसर

कैंसर क्या है, कैंसर क्यों होता है, इसका इलाज क्या इत्यादि बातों को जानना ज़रूरी है। आइए जानें विश्व कैंसर दिवस पर कैंसर के बारे में कुछ और बातें।

कैंसर क्या होता है

शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है। जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन यदि कैंसर का सही समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार ना ह तो इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है। कैंसर के कई प्रकार हैं या यूं कहें कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप है। जैसे- स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, लंग कैंसर, त्वचा कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि।

कैंसर के कारण

कैंसर कई तरह का होता है और हर कैंसर के होने के अलग-अलग कारण हैं। लेकिन कुछ मुख्य कारक ऐसे भी हैं जिनसे कैंसर होने का ख़तरा किसी को भी हो सकता है। ये कारक हैं-

  • वजन बढ़ना या मोटापा।
  • अधिक शारीरिक सक्रियता ना होना।
  • एल्कोहल और नशीले पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना।
  • कैंसर में पौष्टिक आहार ना लेना।
  • अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल ना करना।

कैंसर के अन्य कारण

  • कैंसर आनुवांशिक भी हो सकता है। कई बार कैंसर से पीडि़त माता या पिता के जीन बच्चे में भी आ जाते हैं जिससे बच्चे को भविष्य में कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
  • किसी गंभीर बीमारी के कारण भी आपको कैंसर हो सकता है। यानी यदि आप किसी गंभीर बीमारी के लिए दवाएं ले रहे हैं तो इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं।
  • कई बार उम्र के बढ़ने के साथ भी शरीर में चुस्ती-फुर्ती नहीं रहती और उम्र के पड़ाव पर व्यक्ति बीमार पड़ने लगता है, ऐसे में कई बार कैंसर भी हो जाता है।

कुछ प्रमुख कैंसर

क्या आप जानते हैं देश में सबसे अधिक होने वाली मौतों में कुछ कैंसर प्रमुख हैं-

  • महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाश्य कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से सबसे अधिक मौते होते हैं।
  • पुरुषों में सबसे अधिक मौत फुस्फुस, आमाशय, यकृत, कोलेस्ट्रोल और ब्रेन कैंसर से होती है।
  • कैंसर से मरने वाले लोगों में महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख