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[[अफगानिस्तान]] का वैदिक नाम–‘त्वं सिंधी कुभयागतीं ऋमुं मेहल्या सरथंयाभिरीयसे<ref>’ ऋग्वेद, 10, 75–76 (नदी–सूक्त)</ref> कुभा में उत्तर की ओर सुवास्तु<ref> स्वात</ref> तथा दक्षिण की ओर कुमु<ref> कुरुम</ref> और गोमती<ref> गोमल</ref> मिलती है।
'''कुभा''' [[अफ़ग़ानिस्तान]] का वैदिक नाम-
*[[काबुल|काबुल नगर]] [[काबुल नदी|काबुल]] या कुभा के तट पर ही बसा है।
*काबुल का नाम संभवत: कुभाकूल<ref> यथा गोमल=गोमल कूल</ref> से बिगड़ कर बना है।
*चीनी यात्री सुंगयुन<ref> 520 ई० के लगभग</ref> ने [[भारत]]–यात्रा के वृत्तांत में काबुल के देश का नाम किपिन लिखा है। यह नाम संभवत: कुभा का ही रूपांतर है। कुभा का पाठांतर कुंभा भी मिलता है।
*यह नदी काबुल नगर से 37 मील दूर सीरे चश्मा के सोते से निकलती है जो कोहीबाबा पर्वत के नीचे है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=202|url=}}</ref>
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*कुभा का पाठांतर 'कुंभा' भी मिलता है।
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07:40, 10 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

कुभा अफ़ग़ानिस्तान का वैदिक नाम-

'त्वं सिंधो कुभयागोमतीं क्रमुं मेहत्न्या सरथंयाभिरीयसे।'[1]

  • कुभा में उत्तर की ओर 'सुवास्तु'[2] तथा दक्षिण की ओर 'क्रुमु'[3] और गोमती[4] मिलती है।
  • काबुल नगर 'काबुल' या 'कुभा' के तट पर ही बसा है।
  • काबुल का नाम संभवत: 'कुभाकूल'[5] से बिगड़ कर बना है।
  • चीनी यात्री सुंगयुन (520 ई. के लगभग) ने भारत की यात्रा के वृत्तांत में काबुल के देश का नाम 'किपिन' लिखा है। यह नाम संभवत: कुभा का ही रूपांतर है।
  • कुभा का पाठांतर 'कुंभा' भी मिलता है।
  • कुभा नदी काबुल नगर से 37 मील दूर सीरे चश्मा के सोते से निकलती है, जो कोहीबाबा पर्वत के नीचे है।[6]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऋग्वेद, 10, 75-76 (नदी-सूक्त)
  2. =स्वात
  3. =कुरुम
  4. =गोमल
  5. यथा गोमल=गोमल कूल
  6. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 202 |

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