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[[उदयपुर]] [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है और [[उदयपुर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। चारभुजा का प्रसिद्ध विष्णु-मंदिर कांकड़ोली से १० मील दूर पश्चिम के गड़वोर गाँव में स्थित है। [[मेवाड़]] तथा [[मारवाड़]]  के बहुत से लोग यात्री यहाँ आते हैं और भाद्रपद सुदि 11 को यहाँ बड़ा मेला होता है। यह ज्ञात नहीं हुआ है कि चारभुजा का मंदिर किसने बनवाया, परन्तु प्राचीन देवालय का जीर्णोद्धार कराकर वर्तमान मंदिर सन् 1444 (विक्रम संवत् 1501)  में खरवड़ जाति के रा. (रावत या राव) महीपाल, उसके पुत्र लखमण (लक्ष्मण), उस लखमण (लक्ष्मण) की स्री क्षीमिणी तथा उसके पुत्र झांझा, इन चारों ने मिलकर बनवाया, ऐसा वहाँ के शिलालेख से पाया जाता है। उक्त लेख में इस गाँव का नाम बदरी लिखा है और लोग चारभुजा को बदरीनाथ का रुप मानते हैं।
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'''चारभुजा मंदिर''' [[राजस्थान]] राज्य के राजसमन्द में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है।
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06:05, 8 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

चारभुजा मंदिर, राजसमन्द

चारभुजा मंदिर राजस्थान राज्य के राजसमन्द में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है।

इतिहास

यह ज्ञात नहीं हुआ है कि चारभुजा का मंदिर किसने बनवाया, परन्तु प्राचीन देवालय का जीर्णोद्धार कराकर वर्तमान मंदिर सन् 1444 (विक्रम संवत् 1501) में खरवड़ जाति के रा. (रावत या राव) महीपाल, उसके पुत्र लखमण (लक्ष्मण), उस लखमण (लक्ष्मण) की स्री क्षीमिणी तथा उसके पुत्र झांझा, इन चारों ने मिलकर बनवाया, ऐसा वहाँ के शिलालेख से पाया जाता है। उक्त लेख में इस गाँव का नाम बदरी लिखा है और लोग चारभुजा को बदरीनाथ का रूप मानते हैं।


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