"हंसकूट": अवतरणों में अंतर
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<blockquote>'इन्द्रद्युम्नसरः प्राप्य हंसकूटमतीत्य च शतश्रंगे महाराज तापसः समतप्यत।'</blockquote> | <blockquote>'इन्द्रद्युम्नसरः प्राप्य हंसकूटमतीत्य च शतश्रंगे महाराज तापसः समतप्यत।'</blockquote> | ||
*हंसकूट पर्वत पर ही इन्द्रद्युम्न सरोवर स्थित था। | *हंसकूट पर्वत पर ही इन्द्रद्युम्न सरोवर स्थित था। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
* ऐतिहासिक स्थानावली से पेज संख्या 1006| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
07:10, 16 जून 2013 के समय का अवतरण
हंसकूट नामक पर्वत का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है। यह द्वारिका के निकट स्थित पर्वत था।
'हंसकूटस्यत्छृं गमिन्द्रद्युम्नसरो महत्'[1]
- यह पर्वत गिरनार पर्वतमाला का ही कोई भाग जान पड़ता है।
- एक अन्य प्रसंग में यह हिमालय के उत्तर में स्थित पर्वत है। यह उत्तर कुरु प्रदेश में स्थित शतश्रंग-पर्वत के दक्षिण में स्थित था-
'इन्द्रद्युम्नसरः प्राप्य हंसकूटमतीत्य च शतश्रंगे महाराज तापसः समतप्यत।'
- हंसकूट पर्वत पर ही इन्द्रद्युम्न सरोवर स्थित था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली से पेज संख्या 1006| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ महाभारत, सभापर्व 38 दाक्षिणत्य पाठ