"आमेर का क़िला जयपुर": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
रिंकू बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा ऐतिहासिक इमारत | |||
'''आमेर का क़िला''' [[राजस्थान]] के [[जयपुर]] | |चित्र=Amber-Fort-Jaipur-2.jpg | ||
|चित्र का नाम=आमेर क़िला | |||
|विवरण=हिन्दू और फ़ारसी शैली के मिश्रित स्वरूप का यह क़िला देश में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। | |||
|राज्य=[[राजस्थान]] | |||
|नगर=[[जयपुर]] | |||
|निर्माता= | |||
|स्वामित्व=राजस्थान सरकार | |||
|प्रबंधक= | |||
|निर्माण=[[मानसिंह|राजा मानसिंह]] और [[जयसिंह|सवाई जयसिंह]] | |||
|वास्तुकार= | |||
|वास्तु शैली= | |||
|पुन: निर्माण= | |||
|स्थापना=1592 ई. | |||
|पुन: स्थापना= | |||
|भौगोलिक स्थिति=26° 59′ 9.24″ उत्तर, 75° 51′ 2.52″ पूर्व | |||
|मार्ग स्थिति=[[दिल्ली]]-[[जयपुर]] राजमार्ग की जंगली पहाड़ियों के बीच अपनी विशाल प्राचीरों सहित नीचे माओटा झील के पानी में छवि दिखाता हुआ खड़ा है। | |||
|प्रसिद्धि=दीवाने ख़ास और शीश महल पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केन्द्र है। | |||
|एस.टी.डी. कोड= | |||
|मानचित्र लिंक= | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=महल के मुख्य द्वार के बाहर [[कछवाहा वंश|कछवाहा]] राजाओं की कुल देवी शिला माता का मंदिर है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन={{अद्यतन|18:46, 2 फ़रवरी 2015 (IST)}} | |||
}} | |||
'''आमेर का क़िला''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Amer Fort'') [[राजस्थान]] के [[जयपुर]] में स्थित एक ऐतिहासिक नगर [[आमेर]] में [[राजपूत]] [[वास्तुकला]] का अद़भुत उदाहरण है। आमेर का क़िला [[दिल्ली]] - [[जयपुर]] राजमार्ग की जंगली पहाड़ियों के बीच अपनी विशाल प्राचीरों सहित नीचे माओटा झील के पानी में छवि दिखाता हुआ खड़ा है। प्राचीन काल में अम्बावती और अम्बिबकापुर के नाम से आमेर कछवाह राजाओं की राजधानी रहा है। | |||
==विशेषताएँ== | |||
*आमेर क़िले के राजमहलों का निर्माण मिर्जा [[मानसिंह|राजा मानसिंह]] ने करवाया था। | *आमेर क़िले के राजमहलों का निर्माण मिर्जा [[मानसिंह|राजा मानसिंह]] ने करवाया था। | ||
*[[जयसिंह|सवाई जयसिंह]] ने इसमें कुछ नये भवनों का निर्माण करवाया। | *[[जयसिंह|सवाई जयसिंह]] ने इसमें कुछ नये भवनों का निर्माण करवाया। | ||
* | *हिन्दू और फ़ारसी शैली के मिश्रित स्वरूप का यह क़िला देश में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। | ||
*दीवान ए आम या जनता के दरबार का कक्ष महल के अंदर है और दीवान एक ख़ास या निजी श्रोताओं का कमरा और सुख निवास भी महल के अंदर है जहाँ वातानुकूलन के प्रयोजन हेतु पानी के झिरियों से गुजरती हुई ठण्डी हवा बहती है। | *दीवान ए आम या जनता के दरबार का कक्ष महल के अंदर है और दीवान एक ख़ास या निजी श्रोताओं का कमरा और सुख निवास भी महल के अंदर है जहाँ वातानुकूलन के प्रयोजन हेतु पानी के झिरियों से गुजरती हुई ठण्डी हवा बहती है। | ||
*महल के मुख्य द्वार के बाहर [[कछवाहा वंश|कछवाहा]] राजाओं की कुल देवी शिला माता का मंदिर है। | *महल के मुख्य द्वार के बाहर [[कछवाहा वंश|कछवाहा]] राजाओं की कुल देवी शिला माता का मंदिर है। | ||
*महल में घुसते ही 20 खम्भों का राजपूत भवन शैली पर सफ़ेद संगमरमर व लाल पत्थर का बना दीवाने आम है। | *महल में घुसते ही 20 खम्भों का राजपूत भवन शैली पर सफ़ेद संगमरमर व लाल पत्थर का बना दीवाने आम है। | ||
पंक्ति 15: | पंक्ति 41: | ||
*रानियों के निजी कक्षों में जालीदार परदों के साथ खिड़कियाँ हैं ताकि राज परिवार की महिलाऐं शाही दरबार में होने वाली कारवाइयों को गोपनीयता पूर्वक देख सकें। | *रानियों के निजी कक्षों में जालीदार परदों के साथ खिड़कियाँ हैं ताकि राज परिवार की महिलाऐं शाही दरबार में होने वाली कारवाइयों को गोपनीयता पूर्वक देख सकें। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक=|पूर्णता= |शोध=}} | ||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक= | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==वीथिका== | ==वीथिका== | ||
<gallery> | <gallery> | ||
चित्र:Jaipur-Amber-Fort.jpg|अम्बर क़िला, [[जयपुर]] | |||
चित्र:Amber-Fort.jpg|आमेर क़िला, [[जयपुर]] | चित्र:Amber-Fort.jpg|आमेर क़िला, [[जयपुर]] | ||
चित्र:Amber-Fort-Rajasthan.jpg|आमेर का क़िला, [[जयपुर]] (1860) | चित्र:Amber-Fort-Rajasthan.jpg|आमेर का क़िला, [[जयपुर]] (1860) | ||
चित्र:Amber-Fort-Rajasthan-1.jpg|आमेर का क़िला, [[जयपुर]] (1867) | चित्र:Amber-Fort-Rajasthan-1.jpg|आमेर का क़िला, [[जयपुर]] (1867) | ||
चित्र:Amer-Fort.jpg|आमेर क़िला, [[जयपुर]] | चित्र:Amer-Fort.jpg|आमेर क़िला, [[जयपुर]] | ||
चित्र:Amer-Fort-Jaipur.jpg|आमेर का क़िला, [[जयपुर]] | |||
चित्र:Amer-Fort-Jaipur-5.jpg|आमेर के क़िले की यात्रा करते हुए सैलानी, [[जयपुर]] | |||
चित्र:Amer-Fort-Jaipur-6.jpg|आमेर का क़िला, [[जयपुर]] | |||
चित्र:Amer-Fort-Jaipur-7.jpg|आमेर के क़िले का प्रवेश द्वार, [[जयपुर]] | |||
</gallery> | </gallery> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}} | {{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}{{भारत के दुर्ग}} | ||
{{भारत के दुर्ग}} | |||
[[Category:राजस्थान]] | [[Category:राजस्थान]] | ||
[[Category:जयपुर के पर्यटन स्थल]] | [[Category:जयपुर के पर्यटन स्थल]] | ||
[[Category: | [[Category:राजस्थान के पर्यटन स्थल]] | ||
[[Category:भारत के दुर्ग]][[Category:स्थापत्य कला]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:कला कोश]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:भारत के दुर्ग]][[Category:स्थापत्य कला]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:कला कोश]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
[[Category:जयपुर]] | [[Category:जयपुर]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
11:30, 16 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
आमेर का क़िला जयपुर
| |
विवरण | हिन्दू और फ़ारसी शैली के मिश्रित स्वरूप का यह क़िला देश में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। |
राज्य | राजस्थान |
नगर | जयपुर |
स्वामित्व | राजस्थान सरकार |
निर्माण | राजा मानसिंह और सवाई जयसिंह |
स्थापना | 1592 ई. |
भौगोलिक स्थिति | 26° 59′ 9.24″ उत्तर, 75° 51′ 2.52″ पूर्व |
मार्ग स्थिति | दिल्ली-जयपुर राजमार्ग की जंगली पहाड़ियों के बीच अपनी विशाल प्राचीरों सहित नीचे माओटा झील के पानी में छवि दिखाता हुआ खड़ा है। |
प्रसिद्धि | दीवाने ख़ास और शीश महल पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केन्द्र है। |
अन्य जानकारी | महल के मुख्य द्वार के बाहर कछवाहा राजाओं की कुल देवी शिला माता का मंदिर है। |
अद्यतन | 18:46, 2 फ़रवरी 2015 (IST)
|
आमेर का क़िला (अंग्रेज़ी: Amer Fort) राजस्थान के जयपुर में स्थित एक ऐतिहासिक नगर आमेर में राजपूत वास्तुकला का अद़भुत उदाहरण है। आमेर का क़िला दिल्ली - जयपुर राजमार्ग की जंगली पहाड़ियों के बीच अपनी विशाल प्राचीरों सहित नीचे माओटा झील के पानी में छवि दिखाता हुआ खड़ा है। प्राचीन काल में अम्बावती और अम्बिबकापुर के नाम से आमेर कछवाह राजाओं की राजधानी रहा है।
विशेषताएँ
- आमेर क़िले के राजमहलों का निर्माण मिर्जा राजा मानसिंह ने करवाया था।
- सवाई जयसिंह ने इसमें कुछ नये भवनों का निर्माण करवाया।
- हिन्दू और फ़ारसी शैली के मिश्रित स्वरूप का यह क़िला देश में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है।
- दीवान ए आम या जनता के दरबार का कक्ष महल के अंदर है और दीवान एक ख़ास या निजी श्रोताओं का कमरा और सुख निवास भी महल के अंदर है जहाँ वातानुकूलन के प्रयोजन हेतु पानी के झिरियों से गुजरती हुई ठण्डी हवा बहती है।
- महल के मुख्य द्वार के बाहर कछवाहा राजाओं की कुल देवी शिला माता का मंदिर है।
- महल में घुसते ही 20 खम्भों का राजपूत भवन शैली पर सफ़ेद संगमरमर व लाल पत्थर का बना दीवाने आम है।
- दीवाने ख़ास और शीश महल पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केन्द्र है।
- महल में मावठा झील से आती ठण्डी हवाओं का आनन्द लेने के लिये सुख निवास भी स्थित है।
- रानियों के लिये अनेक निजी कक्ष भी निर्मित है।
- रानियों के निजी कक्षों में जालीदार परदों के साथ खिड़कियाँ हैं ताकि राज परिवार की महिलाऐं शाही दरबार में होने वाली कारवाइयों को गोपनीयता पूर्वक देख सकें।
|
|
|
|
|
वीथिका
-
अम्बर क़िला, जयपुर
-
आमेर क़िला, जयपुर
-
आमेर का क़िला, जयपुर (1860)
-
आमेर का क़िला, जयपुर (1867)
-
आमेर क़िला, जयपुर
-
आमेर का क़िला, जयपुर
-
आमेर के क़िले की यात्रा करते हुए सैलानी, जयपुर
-
आमेर का क़िला, जयपुर
-
आमेर के क़िले का प्रवेश द्वार, जयपुर