"दीप से दीप जले -माखन लाल चतुर्वेदी": अवतरणों में अंतर
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|मृत्यु=[[30 जनवरी]], 1968 ई. | |मृत्यु=[[30 जनवरी]], 1968 ई. | ||
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|मुख्य रचनाएँ=कृष्णार्जुन युद्ध, हिमकिरीटिनी, साहित्य देवता, हिमतरंगिनी, माता, युगचरण, समर्पण, वेणु लो गूँजे धरा, अमीर इरादे, | |मुख्य रचनाएँ=कृष्णार्जुन युद्ध, हिमकिरीटिनी, साहित्य देवता, हिमतरंगिनी, माता, युगचरण, समर्पण, वेणु लो गूँजे धरा, अमीर इरादे, ग़रीब इरादे | ||
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गिरि, वन, नद-सागर, भू-नर्तन तेरा नित्य विहार | गिरि, वन, नद-सागर, भू-नर्तन तेरा नित्य विहार | ||
सतत मानवी की अँगुलियों तेरा हो | सतत मानवी की अँगुलियों तेरा हो श्रृंगार | ||
मानव की गति, मानव की धृति, मानव की कृति ढाल | मानव की गति, मानव की धृति, मानव की कृति ढाल | ||
सदा स्वेद-कण के मोती से चमके मेरा भाल | सदा स्वेद-कण के मोती से चमके मेरा भाल |
09:18, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
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सुलग-सुलग री जोत दीप से दीप मिलें |
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