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*[[बैक्ट्रिया]] के पश्चिम और कैस्पियन सागर के दक्षिण पूर्व में पार्थिया का प्रदेश था, जिसके निवासी जातीय दृष्टि से ग्रीक लोगों से सर्वथा भिन्न थे।  
'''पार्थ या पार्थिया''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Parthia'') [[बैक्ट्रिया]] के पश्चिम और [[कैस्पियन सागर]] के दक्षिण पूर्व में स्थित एक ऐतिहासिक प्रदेश था, जिसके निवासी जातीय दृष्टि से ग्रीक लोगों से सर्वथा भिन्न थे।
*सीरियन साम्राज्य की निर्बलता से लाभ उठाकर उन्होंने विद्रोह कर दिया और 248 ई. पू. के लगभग स्वतंत्र पार्थियन राज्य की स्थापना हुई।  
 
*पार्थियन लोगों के इस विद्रोह के नेता अरसक और तिरिदात नामक दो भाई थे।  
*यहाँ कभी पार्थी लोग अपना साम्राज्य चलाया करते थे, जो 247 ईसा पूर्व से 224 ईसवी तक चला। इस साम्राज्य को 'अशकानी साम्राज्य' के नाम से भी जाना जाता है।
*इन भाइयों ने धीरे—धीरे पार्थियन राज्य की शक्ति को बहुत बढ़ा लिया, और कुछ समय बाद सम्पूर्ण [[ईरान]] उनकी अधीनता में आ गया।
*सीरियन साम्राज्य की निर्बलता से लाभ उठाकर पार्थी लोगों ने विद्रोह कर दिया था और 248 ई. पू. के लगभग स्वतंत्र पार्थियन राज्य की स्थापना हुई।  
*पार्थियन लोगों के इस विद्रोह के नेता 'अरसक' और 'तिरिदात' नामक दो भाई थे। इन भाइयों ने धीरे-धीरे पार्थियन राज्य की शक्ति को बहुत बढ़ा लिया, और कुछ समय बाद सम्पूर्ण [[ईरान]] उनकी अधीनता में आ गया।
 
 
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08:10, 21 जून 2014 के समय का अवतरण

पार्थ या पार्थिया (अंग्रेज़ी: Parthia) बैक्ट्रिया के पश्चिम और कैस्पियन सागर के दक्षिण पूर्व में स्थित एक ऐतिहासिक प्रदेश था, जिसके निवासी जातीय दृष्टि से ग्रीक लोगों से सर्वथा भिन्न थे।

  • यहाँ कभी पार्थी लोग अपना साम्राज्य चलाया करते थे, जो 247 ईसा पूर्व से 224 ईसवी तक चला। इस साम्राज्य को 'अशकानी साम्राज्य' के नाम से भी जाना जाता है।
  • सीरियन साम्राज्य की निर्बलता से लाभ उठाकर पार्थी लोगों ने विद्रोह कर दिया था और 248 ई. पू. के लगभग स्वतंत्र पार्थियन राज्य की स्थापना हुई।
  • पार्थियन लोगों के इस विद्रोह के नेता 'अरसक' और 'तिरिदात' नामक दो भाई थे। इन भाइयों ने धीरे-धीरे पार्थियन राज्य की शक्ति को बहुत बढ़ा लिया, और कुछ समय बाद सम्पूर्ण ईरान उनकी अधीनता में आ गया।

 

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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