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*यहाँ पर मुख्यत: घरेलू सामान, जैसे टोकरी, नारियल जटा उसकी चटाई, धातु की सामग्री व बीड़ी बनाने के उद्योग हैं। | *यहाँ पर मुख्यत: घरेलू सामान, जैसे टोकरी, नारियल जटा उसकी चटाई, धातु की सामग्री व बीड़ी बनाने के उद्योग हैं। | ||
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14:19, 26 जनवरी 2011 का अवतरण
- अन्नामलाई पहाड़ियाँ, पश्चिमी घाट, तमिलनाडु राज्य, दक्षिण-पूर्वी भारत, एलिफ़ैंट पर्वतमाला के नाम से भी विख्यात है।
- अन्नामलाई पहाड़ियाँ पूर्वी व पश्चिमी घाटों का संधिस्थल है और पश्चिमोत्तर व दक्षिण-पूर्व की ओर उन्मुख हैं।
- 2,695 मीटर ऊँची अनाई चोटी इस श्रृंखला के बिल्कुल दक्षिण-पश्चिमी छोर पर स्थित दक्षिण भारत की सबसे ऊँची चोटी है।
- अभिनूतन युग (होलोसीन इपॉक) में पृथ्वी की आन्तरिक अवरोधी हलचल से निर्मित अन्नामलाई की पहाड़ियाँ 1,000 मीटर की ढलान पर चबूतरेदार श्रेणियों का निर्माण करती हैं।
- शीशम, चन्दन, सागौन व साबुदाने के पेड़ों से युक्त सघन वन इस क्षेत्र के ज़्यादातर हिस्से को ढंकते हैं।
- एल्युमीनियम व लौह धातु के ऑक्साइड से युक्त यहाँ की मिट्टी चित्तीदार लाल व भूरी है।
- जिसका उपयोग भवन व सड़क के निर्माण में होता है।
- अव्यवस्थित आबादी वाली इन पहाड़ियों पर कडार, मरवार व पूलिया लोग निवास करते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था शिकार, संग्रहण व झूम खेती पर आधारित है।
- जिन जगहों पर जंगलों की कटाई हो रही है, वहाँ चाय, कॉफ़ी व रबड़ के बाग़ लगाए जा रहे हैं।
- यहाँ पर मुख्यत: घरेलू सामान, जैसे टोकरी, नारियल जटा उसकी चटाई, धातु की सामग्री व बीड़ी बनाने के उद्योग हैं।
- श्रीविल्लिपुत्तूर, उत्तमपलैयम और मानूर यहाँ के महत्त्वपूर्ण नगर हैं।
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