"घर मेरा है? -माखन लाल चतुर्वेदी": अवतरणों में अंतर
प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) ('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
कात्या सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{| style="background:transparent; float:right" | {| style="background:transparent; float:right" | ||
|- | |- | ||
पंक्ति 50: | पंक्ति 49: | ||
ये आए बादल घूम उठे, | ये आए बादल घूम उठे, | ||
ये हवा के झोंके झूम उठे, | ये हवा के झोंके झूम उठे, | ||
बिजली की चमचम पर चढ़कर | बिजली की चमचम पर चढ़कर, | ||
गीले मोती भू चूम उठे; | गीले मोती भू चूम उठे; | ||
फिर | फिर सनसनाहट का ठाठ बना, | ||
आ गई हवा, कजली गाने, | आ गई हवा, कजली गाने, | ||
आ गई रात, सौगात लिए, | आ गई रात, सौगात लिए, | ||
पंक्ति 68: | पंक्ति 67: | ||
घरवाला महज़ लुटेरा है। | घरवाला महज़ लुटेरा है। | ||
हो मुकुट हिमालय पहनाता | हो मुकुट हिमालय पहनाता, | ||
सागर जिसके पद धुलवाता, | सागर जिसके पद धुलवाता, | ||
यह बंधा बेड़ियों में मंदिर, | यह बंधा बेड़ियों में मंदिर, |
09:32, 24 दिसम्बर 2011 का अवतरण
| ||||||||||||||||||
|
क्या कहा कि यह घर मेरा है? |
संबंधित लेख |