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'''कासिम ख़ाँ''' [[मुग़ल साम्राज्य]] में एक [[मुग़ल]] सरदार था, जिसे बादशाह [[शाहजहाँ]] (1627-1659 ई.) ने [[बंगाल]] का सूबेदार नियुक्त किया था। शाहजहाँ ने उसे हुक्म दिया था कि वह बंगाल से [[पुर्तग़ाली]] व्यापारियों को निकाल बाहर कर दे, क्योंकि उन्हें व्यापार करने का जो अधिकार प्रदान किया गया था, उसका वे दुरुपयोग कर रहे थे। | '''कासिम ख़ाँ''' [[मुग़ल साम्राज्य]] में एक [[मुग़ल]] सरदार था, जिसे बादशाह [[शाहजहाँ]] (1627-1659 ई.) ने [[बंगाल]] का सूबेदार नियुक्त किया था। शाहजहाँ ने उसे हुक्म दिया था कि वह बंगाल से [[पुर्तग़ाली]] व्यापारियों को निकाल बाहर कर दे, क्योंकि उन्हें व्यापार करने का जो अधिकार प्रदान किया गया था, उसका वे दुरुपयोग कर रहे थे। | ||
*कासिम ख़ाँ ने 1632 ई. में पुर्तग़ालियों को परास्त किय और | *कासिम ख़ाँ ने 1632 ई. में पुर्तग़ालियों को परास्त किय और हुगली पर अधिकार कर लिया। | ||
*उसने बंगाल में व्यापार करने वाले पुर्तग़ालियों के होश ठिकाने लगा दिये थे। | *उसने बंगाल में व्यापार करने वाले पुर्तग़ालियों के होश ठिकाने लगा दिये थे। | ||
*1658 ई. में कासिम ख़ाँ राजा [[जसवंतसिंह]] के साथ बागी शाहजादों, [[औरंगज़ेब]] और [[मुराद, शाहजादा|मुराद]] को रोकने तथा उन्हें [[दक्षिण भारत]] से [[उत्तर भारत]] में न आने देने के लिए भेजा गया। | *1658 ई. में कासिम ख़ाँ राजा [[जसवंत सिंह (राजा)|जसवंतसिंह]] के साथ बागी शाहजादों, [[औरंगज़ेब]] और [[मुराद, शाहजादा|मुराद]] को रोकने तथा उन्हें [[दक्षिण भारत]] से [[उत्तर भारत]] में न आने देने के लिए भेजा गया। | ||
*शाहजादों की फ़ौज से कासिम ख़ाँ का जोरदार मुकाबला हुआ। | *शाहजादों की फ़ौज से कासिम ख़ाँ का जोरदार मुकाबला हुआ। | ||
*कासिम ख़ाँ ने इस युद्ध में अपने मालिक को जिताने के लिए कोई कोशिश नहीं की और युद्ध में शाही फ़ौज हार गयी। | *कासिम ख़ाँ ने इस युद्ध में अपने मालिक को जिताने के लिए कोई कोशिश नहीं की और युद्ध में शाही फ़ौज हार गयी। |
13:58, 11 नवम्बर 2011 का अवतरण
कासिम ख़ाँ मुग़ल साम्राज्य में एक मुग़ल सरदार था, जिसे बादशाह शाहजहाँ (1627-1659 ई.) ने बंगाल का सूबेदार नियुक्त किया था। शाहजहाँ ने उसे हुक्म दिया था कि वह बंगाल से पुर्तग़ाली व्यापारियों को निकाल बाहर कर दे, क्योंकि उन्हें व्यापार करने का जो अधिकार प्रदान किया गया था, उसका वे दुरुपयोग कर रहे थे।
- कासिम ख़ाँ ने 1632 ई. में पुर्तग़ालियों को परास्त किय और हुगली पर अधिकार कर लिया।
- उसने बंगाल में व्यापार करने वाले पुर्तग़ालियों के होश ठिकाने लगा दिये थे।
- 1658 ई. में कासिम ख़ाँ राजा जसवंतसिंह के साथ बागी शाहजादों, औरंगज़ेब और मुराद को रोकने तथा उन्हें दक्षिण भारत से उत्तर भारत में न आने देने के लिए भेजा गया।
- शाहजादों की फ़ौज से कासिम ख़ाँ का जोरदार मुकाबला हुआ।
- कासिम ख़ाँ ने इस युद्ध में अपने मालिक को जिताने के लिए कोई कोशिश नहीं की और युद्ध में शाही फ़ौज हार गयी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 92 |
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