"कलिका माता का मन्दिर चित्तौड़गढ़": अवतरणों में अंतर
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{{सूचना बक्सा पर्यटन | |||
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|चित्र का नाम=कलिका माता का मन्दिर, चित्तौड़गढ़ | |||
|विवरण=कलिका माता का मन्दिर मूल रुप से एक सूर्य मंदिर था। | |||
|राज्य=[[राजस्थान]] | |||
|केन्द्र शासित प्रदेश= | |||
|ज़िला=चित्तौड़गढ़ | |||
|निर्माता=[[मेवाड़]] के गुहिलवंशीय | |||
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|कब जाएँ= | |||
|कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल, बस आदि | |||
|हवाई अड्डा=महाराणा प्रताप हवाई अड्डा | |||
|रेलवे स्टेशन=चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन, चंडेरिया रेलवे स्टेशन, शंभूपुरा रेलवे स्टेशन | |||
|बस अड्डा=मुरली बस अड्डा | |||
|यातायात=स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा | |||
|क्या देखें= | |||
|कहाँ ठहरें=होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह | |||
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|संबंधित लेख=[[चित्तौड़गढ़ क़िला]], [[रानी पद्मिनी का महल]], [[कीर्ति स्तम्भ]] | |||
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|अन्य जानकारी=मंदिर के स्तम्भों, छतों तथा अन्तःद्वार पर खुदाई का काम दर्शनीय है। | |||
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'''कलिका माता का मन्दिर''' [[राजस्थान]] के [[चित्तौड़गढ़]] में स्थित है। [[रानी पद्मिनी का महल|पद्मिनी]] के महलों के उत्तर में कालिका माता का सुन्दर, ऊँची कुर्सीवाला विशाल महल है। | '''कलिका माता का मन्दिर''' [[राजस्थान]] के [[चित्तौड़गढ़]] में स्थित है। [[रानी पद्मिनी का महल|पद्मिनी]] के महलों के उत्तर में कालिका माता का सुन्दर, ऊँची कुर्सीवाला विशाल महल है। | ||
*इस मंदिर का निर्माण संभवतः 9 वीं शताब्दी में [[मेवाड़]] के गुहिलवंशीय राजाओं ने करवाया था। | *इस मंदिर का निर्माण संभवतः 9 वीं शताब्दी में [[मेवाड़]] के गुहिलवंशीय राजाओं ने करवाया था। |
09:23, 24 नवम्बर 2011 का अवतरण
कलिका माता का मन्दिर चित्तौड़गढ़
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विवरण | कलिका माता का मन्दिर मूल रुप से एक सूर्य मंदिर था। |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | चित्तौड़गढ़ |
निर्माता | मेवाड़ के गुहिलवंशीय |
स्थापना | 9 वीं शताब्दी |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 24° 52' 52.45", पूर्व- 74° 38' 39.03" |
मार्ग स्थिति | कलिका माता का मन्दिर, चित्तौड़गढ़ बूँदी रोड से 5.3 किमी की दूरी पर स्थित है। |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि |
महाराणा प्रताप हवाई अड्डा | |
चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन, चंडेरिया रेलवे स्टेशन, शंभूपुरा रेलवे स्टेशन | |
मुरली बस अड्डा | |
स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा | |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
एस.टी.डी. कोड | 01472 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
गूगल मानचित्र | |
संबंधित लेख | चित्तौड़गढ़ क़िला, रानी पद्मिनी का महल, कीर्ति स्तम्भ
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अन्य जानकारी | मंदिर के स्तम्भों, छतों तथा अन्तःद्वार पर खुदाई का काम दर्शनीय है। |
अद्यतन | 14:53, 24 नवम्बर 2011 (IST)
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कलिका माता का मन्दिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है। पद्मिनी के महलों के उत्तर में कालिका माता का सुन्दर, ऊँची कुर्सीवाला विशाल महल है।
- इस मंदिर का निर्माण संभवतः 9 वीं शताब्दी में मेवाड़ के गुहिलवंशीय राजाओं ने करवाया था।
- मूल रुप से यह मंदिर एक सूर्य मंदिर था।
- निज मंदिर के द्वार तथा गर्भगृह के बाहरी पार्श्व के ताखों में स्थापित सूर्य की मूर्तियाँ इसका प्रमाण है।
- बाद इसमें कालिका की मूर्ति स्थापित की गई।
- मंदिर के स्तम्भों, छतों तथा अन्तःद्वार पर खुदाई का काम दर्शनीय है।
- महाराणा सज्जनसिंह ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था, क्योंकि इस मंदिर में मूर्ति प्रतिष्ठा वैशाख शुक्ल अष्टमी को हुई थी, अतः प्रति वर्ष यहाँ एक विशाल मेला लगता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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