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तुषार, 'तुखार' अथवा चीनी तुर्किस्तान (सिक्यांग) का प्राचीन भारतीय नाम था। महाभारत के अनुसार पाण्डव अर्जुन ने अपनी दिग्विजय यात्रा के समय इसे जीत लिया था।

  • दूसरी शती ई. पू. में यूचियों या ऋषिकों ने अपने मूल स्थान चीनी तुर्किस्तान से (जहाँ उनका वर्णन महाभारत में है) 'बल्ख' या 'वाह्लीक' की ओर प्रव्रजन किया था, क्योंकि उनको आक्रमणकारी हूणों ने वहाँ से आगे खदेड़ दिया था।
  • कालांतर में यूचिकों की एक शाखा, कुषाणों ने भारत में आकर यहाँ अपना राज्य स्थापित किया।
  • कनिष्क इसी शाखा का प्रसिद्ध तथा महानतम राजा था।
  • महाभारत, सभापर्व[1] के अनुसार ऋषिकों को अपनी दिग्विजय यात्रा में अर्जुन ने विजित किया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 409 |

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