"केलझर": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''केलझर''' मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक स्थान है। इसका प...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "दरवाजे" to "दरवाज़े") |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
*दुर्ग के भीतर [[नागपुर]] के भौंसला नरेश के इष्टदेव [[गणपति]] का मंदिर है। | *दुर्ग के भीतर [[नागपुर]] के भौंसला नरेश के इष्टदेव [[गणपति]] का मंदिर है। | ||
*वापिका के निकट कई [[जैन]] मूर्तियाँ भी दिखलाई देती हैं, जो [[कला]] की दृष्टि से उत्कृष्ट नहीं हैं। | *वापिका के निकट कई [[जैन]] मूर्तियाँ भी दिखलाई देती हैं, जो [[कला]] की दृष्टि से उत्कृष्ट नहीं हैं। | ||
*एक | *एक दरवाज़े के [[अवशेष]] पर भी विभिन्न देवी-[[देवता|देवताओं]] की मूर्तियाँ अंकित हैं। | ||
*एक स्तंभ पर [[तीर्थंकर]] [[महावीर]] का समवाशरण बहुत ही सुंदर ढंग से उत्कीर्ण है। | *एक स्तंभ पर [[तीर्थंकर]] [[महावीर]] का समवाशरण बहुत ही सुंदर ढंग से उत्कीर्ण है। | ||
05:25, 10 दिसम्बर 2012 का अवतरण
केलझर मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक स्थान है। इसका प्राचीन नाम 'चक्रपुर' या 'चक्रनगर' है।[1]
- इस स्थान पर एक प्राचीन दुर्ग है, जो अब खंडहर हो गया है।
- दुर्ग के भीतर नागपुर के भौंसला नरेश के इष्टदेव गणपति का मंदिर है।
- वापिका के निकट कई जैन मूर्तियाँ भी दिखलाई देती हैं, जो कला की दृष्टि से उत्कृष्ट नहीं हैं।
- एक दरवाज़े के अवशेष पर भी विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ अंकित हैं।
- एक स्तंभ पर तीर्थंकर महावीर का समवाशरण बहुत ही सुंदर ढंग से उत्कीर्ण है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 224 |