"राजशेखर": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 19: पंक्ति 19:
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{संस्कृत साहित्यकार}} {{महाकाव्य}}{{संस्कृत साहित्य2}}{{भारत के कवि}}
{{संस्कृत साहित्यकार}}{{भारत के कवि}}
[[Category:कवि]]
[[Category:कवि]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]

08:06, 11 सितम्बर 2012 का अवतरण

इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

राजशेखर कन्नौज के प्रतिहारवंशीय राजा महेन्द्रपाल (890-908) तथा उसके पुत्र महिपाल (910-940) की राज्यसभा में रहते थे।

  • वे संस्कृत के प्रसिद्ध कवि तथा नाटककार थे।
  • राजशेखर ने पाँच ग्रंथों की रचना की थी। इनमें चार नाटक तथा एक अंलकार शास्त्र का ग्रंथ है। इनका उल्लेख निम्न है -
  1. बाल रामायण
  2. बाल भारत
  3. विद्वशालभञ्जिका
  4. कर्पूर मञ्जरी
  5. काव्यमीमांसा
  • राजेशेखर नाटककार कम, कवि अधिक थे। उनके ग्रंथों में काव्यात्मकता अधिक है।
  • वे शब्द कवि हैं। भवभूति के समान राजशेखर के शब्दों में अर्थ की प्रतिध्वनि निकलती है।
  • उन्होंने लोकोक्तियों तथा मुहावरों का खुलकर प्रयोग किया।
  • उनके नाटक रंगमंच के लिए उपयुक्त नहीं हैं अपितु वे पढ़ने में ही विशेष रोचक हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख