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'''हेएनिसा बौद्ध मठ''' अथवा '''हेएनिसा मंदिर''' दक्षिण कोरिया का सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध मठों में से एक है। मंदिर का निर्माण साल 802 में हुआ था, लेकिन 1817 में जलकर खाक हो जाने के बाद 19वीं सदी में दोबारा निर्माण किया गया। एक ताज्जुब की बात यह है कि आग लगने के बाद भी मंदिर का खजाना माने जाने वाले बौद्ध शास्त्र (जिसमें 81,258 लकड़ी की लेख पट्टिकाएं हैं) बची रह गई। आग इस किताब को छू भी नहीं पाई। | '''हेएनिसा बौद्ध मठ''' अथवा '''हेएनिसा मंदिर''' दक्षिण कोरिया का सबसे महत्वपूर्ण [[बौद्ध]] मठों में से एक है। मंदिर का निर्माण साल 802 में हुआ था, लेकिन 1817 में जलकर खाक हो जाने के बाद 19वीं सदी में दोबारा निर्माण किया गया। एक ताज्जुब की बात यह है कि आग लगने के बाद भी मंदिर का खजाना माने जाने वाले बौद्ध शास्त्र (जिसमें 81,258 लकड़ी की लेख पट्टिकाएं हैं) बची रह गई। [[आग]] इस किताब को छू भी नहीं पाई। | ||
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07:00, 25 अक्टूबर 2012 का अवतरण
हेएनिसा बौद्ध मठ अथवा हेएनिसा मंदिर दक्षिण कोरिया का सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध मठों में से एक है। मंदिर का निर्माण साल 802 में हुआ था, लेकिन 1817 में जलकर खाक हो जाने के बाद 19वीं सदी में दोबारा निर्माण किया गया। एक ताज्जुब की बात यह है कि आग लगने के बाद भी मंदिर का खजाना माने जाने वाले बौद्ध शास्त्र (जिसमें 81,258 लकड़ी की लेख पट्टिकाएं हैं) बची रह गई। आग इस किताब को छू भी नहीं पाई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख