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* स्याम में भारतीय हिंदू उपनिवेश ई. सन् की प्रारंभिक शतियों (संभव है इससे पूर्व भी) स्थापित किये गये थे। | * स्याम में भारतीय हिंदू उपनिवेश ई. सन् की प्रारंभिक शतियों (संभव है इससे पूर्व भी) स्थापित किये गये थे। | ||
* [[भारत]] से संबंधित सर्वप्राचीन [[अवशेष]] भारतीय शिल्पियों की बनाई मूर्ति है जो प्रापाथोम नामक स्थान पर मिली है। वह द्वितीय शती ई. या उससे कुछ पूर्व की बताई जाती है। | * [[भारत]] से संबंधित सर्वप्राचीन [[अवशेष]] भारतीय शिल्पियों की बनाई मूर्ति है जो प्रापाथोम नामक स्थान पर मिली है। वह द्वितीय शती ई. या उससे कुछ पूर्व की बताई जाती है। | ||
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10:50, 24 मई 2014 का अवतरण
स्याम थाईलैंड का प्राचीन भारतीय नाम है। 11 मई, 1949 तक थाईलैण्ड का अधिकृत नाम 'स्याम' था। 'थाई' शब्द का अर्थ थाई भाषा' में 'आज़ाद' होता है। 'थाई' शब्द 'थाई नागरिकों' के सन्दर्भ में भी इस्तेमाल किया जाता है । इस कारण से कुछ लोग, विशेष रूप से यहाँ बसने वाले चीनी लोग, थाईलैंड को आज भी 'स्याम' नाम से पुकारना पसन्द करते हैं।
ऐतिहासिक तथ्य
- स्याम में भारतीय हिंदू उपनिवेश ई. सन् की प्रारंभिक शतियों (संभव है इससे पूर्व भी) स्थापित किये गये थे।
- भारत से संबंधित सर्वप्राचीन अवशेष भारतीय शिल्पियों की बनाई मूर्ति है जो प्रापाथोम नामक स्थान पर मिली है। वह द्वितीय शती ई. या उससे कुछ पूर्व की बताई जाती है।
- इस देश में हिंदू राज्य का उत्कर्षकाल 13वीं शती तक बना रहा। इस शती में यहाँ के निवासियों या थाई लोगों ने देश पर अपना प्रभुत्व जमा लिया।
- स्याम का एक महत्त्वपूर्ण हिंदू राज्य द्वारावती नामक था जिसकी राजधानी लवपुरी (लोपबुरी) में थी।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली | लेखक- विजयेंद्र कुमार माथुर | प्रकाशक- वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग (मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | पृष्ठ संख्या- 1002
बाहरी कड़ियाँ
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