"अक्षोभ्य": अवतरणों में अंतर

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'''अक्षोभ्य''' तंत्रोक्त द्वितीय विद्या के उपासक एक [[ऋषि]] का नाम है, जो उक्त विद्या के देवता के सिर पर नागरूप में स्थित हैं।
'''अक्षोभ्य''' तंत्रोक्त द्वितीय विद्या के उपासक एक [[ऋषि]] का नाम है, जो उक्त विद्या के देवता के सिर पर नागरूप में स्थित हैं।


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12:30, 25 अक्टूबर 2017 का अवतरण

अक्षोभ्य तंत्रोक्त द्वितीय विद्या के उपासक एक ऋषि का नाम है, जो उक्त विद्या के देवता के सिर पर नागरूप में स्थित हैं।

  • 'अक्षोभ्य' भगवान बुद्ध का भी एक नाम है तथा पंचध्यानी बुद्धों में से एक बुद्ध को भी अक्षोभ्य संज्ञा से अभिहित किया जाता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अक्षोभ्य (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 20 फरवरी, 2015।

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