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*इसकी स्थापना 7वीं शती के पश्चात् हुई थी और तत्पश्चात् 700 वर्षों तक कंबुज के वैभव तथा ऐश्वर्य का युग रहा। | *इसकी स्थापना 7वीं [[शती]] के पश्चात् हुई थी और तत्पश्चात् 700 [[वर्ष|वर्षों]] तक कंबुज के वैभव तथा ऐश्वर्य का युग रहा। | ||
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*कंबोडिया की एक प्राचीन लोककथा में आर्य देश या [[भारत]] के राजा स्वायंभुव द्वारा कंबुज राज्य की स्थापना का वर्णन है। | *कंबोडिया की एक प्राचीन लोककथा में आर्य देश या [[भारत]] के राजा स्वायंभुव द्वारा कंबुज राज्य की स्थापना का वर्णन है। | ||
*यहाँ का सर्वप्रथम ऐतिहासिक राजा श्रुतवर्मन् था जिसके इस देश को फूनान के शासन से मुक्त करके एक स्वंतत्र राज्य स्थापित किया। | *यहाँ का सर्वप्रथम ऐतिहासिक '''राजा श्रुतवर्मन्''' था जिसके इस देश को फूनान के शासन से मुक्त करके एक स्वंतत्र राज्य स्थापित किया। | ||
*यहाँ की तत्कालीन राजधानी [[श्रेष्ठपुर]] में थी जिसका नामकरण कंबुज के द्वितीय राजा श्रेष्ठवर्मन् के नाम पर हुआ था। | *यहाँ की तत्कालीन राजधानी [[श्रेष्ठपुर]] में थी जिसका नामकरण कंबुज के द्वितीय राजा श्रेष्ठवर्मन् के नाम पर हुआ था। | ||
*इसकी स्थिति वर्तमान लाओस में वाटफू पहाड़ी | *इसकी स्थिति वर्तमान लाओस में वाटफू पहाड़ी<ref>बसाक के निकट</ref> के परिवर्ती प्रदेश में थी। | ||
*इस पहाड़ी पर, जिसका प्राचीन नाम लिंग पर्वत था, भद्रेश्वर [[शिव]] का मंदिर स्थित था। | *इस पहाड़ी पर, जिसका प्राचीन नाम '''लिंग पर्वत''' था, भद्रेश्वर [[शिव]] का मंदिर स्थित था। | ||
*ये कंबुज नरेशों के इष्टदेव थे। | *ये कंबुज नरेशों के इष्टदेव थे। | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 122-123| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
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12:50, 22 मई 2018 का अवतरण
- हिंद-चीन का प्राचीन हिंदू उपनिवेश जिसे कंबोडिया कहा जाता है।
- इसकी स्थापना 7वीं शती के पश्चात् हुई थी और तत्पश्चात् 700 वर्षों तक कंबुज के वैभव तथा ऐश्वर्य का युग रहा।
लोककथा
- कंबोडिया की एक प्राचीन लोककथा में आर्य देश या भारत के राजा स्वायंभुव द्वारा कंबुज राज्य की स्थापना का वर्णन है।
- यहाँ का सर्वप्रथम ऐतिहासिक राजा श्रुतवर्मन् था जिसके इस देश को फूनान के शासन से मुक्त करके एक स्वंतत्र राज्य स्थापित किया।
- यहाँ की तत्कालीन राजधानी श्रेष्ठपुर में थी जिसका नामकरण कंबुज के द्वितीय राजा श्रेष्ठवर्मन् के नाम पर हुआ था।
- इसकी स्थिति वर्तमान लाओस में वाटफू पहाड़ी[1] के परिवर्ती प्रदेश में थी।
- इस पहाड़ी पर, जिसका प्राचीन नाम लिंग पर्वत था, भद्रेश्वर शिव का मंदिर स्थित था।
- ये कंबुज नरेशों के इष्टदेव थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 122-123| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ बसाक के निकट