"जन्तर मन्तर जयपुर": अवतरणों में अंतर
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05:17, 3 अक्टूबर 2010 का अवतरण
- महाराजा सवाई जयसिंह ने सऩ 1718 में इस वैधशाला की आधार शिला रखी।
- इस ज्योतिष यंत्रालय में समय की जानकारी, सूर्योदय, सूर्योस्त एवं नक्षत्रों की जानकारी प्राप्त करने के उपकरण अवस्थित हैं।
- वैधशाला में स्थापित यंत्रों में वृहत सम्राट यंत्र, जय प्रकाश यंत्र, राम यंत्र, कपाली यंत्र, नाडी वलय यंत्र, घोटा यंत्र आदि मुख्य है।
- देश में सबसे पहली वेधशाला दिल्ली में 1724 में बनवाई गई और उसके दस वर्ष बाद जयपुर में वेधशाला बनाई गई थी|
- जयपुर के बाद उज्जैन, बनारस और मथुरा में वेधशालाएं बनवायी गई।
- जयपुर की वेधशाला सबसे विशाल एवं विश्व विख्यात हैं।
- यहाँ स्थित सम्राट यंत्र विश्व की सबसे बडी सौर घड़ी मानी जाती हैं।
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