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'''वाणी जयराम''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vani Jairam'', जन्म- [[30 नवंबर]], [[1945]]; मृत्यु- [[4 फ़रवरी]], [[2023]]) प्रसिद्ध भारतीय पार्श्वगायिका थीं। उन्हें "आधुनिक भारत की मीरा" भी कहा जाता है। वह अक्सर [[1970]] के दशक से लेकर [[1990]] के दशक के अंत तक [[भारत]] भर के कई संगीतकारों की पसंद रहीं। [[हिन्दी]] के अलावा वाणी जयराम ने कई भारतीय भाषाओं, जैसे- [[तेलुगू भाषा|तेलुगू]], [[तमिल भाषा|तमिल]], [[मलयालम भाषा|मलयालम]], [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[ओड़िया भाषा|ओड़िया]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]] और [[बंगाली भाषा|बंगाली]] भाषाओं में भी गाया। उन्होंने तीन बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका के लिए 'राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार' जीता था। साल [[2012]] में उन्हें दक्षिण भारतीय फिल्म संगीत में उनकी उपलब्धियों के लिए 'फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड'-साउथ से सम्मानित किया गया।
'''वाणी जयराम''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vani Jairam'', जन्म- [[30 नवंबर]], [[1945]]; मृत्यु- [[4 फ़रवरी]], [[2023]]) प्रसिद्ध भारतीय पार्श्वगायिका थीं। उन्हें "आधुनिक भारत की मीरा" भी कहा जाता है। वह अक्सर [[1970]] के दशक से लेकर [[1990]] के दशक के अंत तक [[भारत]] भर के कई संगीतकारों की पसंद रहीं। [[हिन्दी]] के अलावा वाणी जयराम ने कई भारतीय भाषाओं, जैसे- [[तेलुगू भाषा|तेलुगू]], [[तमिल भाषा|तमिल]], [[मलयालम भाषा|मलयालम]], [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[ओड़िया भाषा|ओड़िया]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]] और [[बंगाली भाषा|बंगाली]] भाषाओं में भी गाया। उन्होंने तीन बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका के लिए 'राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार' जीता था। साल [[2012]] में उन्हें दक्षिण भारतीय फिल्म संगीत में उनकी उपलब्धियों के लिए 'फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड'-साउथ से सम्मानित किया गया।
==परिचय==
==परिचय==
वाणी जयराम का जन्म 30 नवंबर, 1945 को [[तमिलनाडु]] के वेल्लोर में एक तमिल परिवार में हुआ था। इनके बचपन का नाम कलैवनी था। इनके [[पिता]] का नाम दुरईसामी अयंगर और [[माता]] का नाम पद्मावती था जो रंगा रामुनाजा अयंगर के अधीन प्रशिक्षित संगीतकार थे। इनके माता पिता के तीन बेटे और छह बिटियाँ थीं। 8 साल की उम्र में वाणी जयरामने ऑल इंडिया रेडियो, [[मद्रास]] में अपना पहला सार्वजनिक प्रदर्शन दिया। वह मद्रास विश्वविद्यालय के क्वीन मैरी कॉलेज की छात्रा थीं। अपनी पढ़ाई के बाद वाणी की [[स्टेट बैंक ऑफ इंडिया]], मद्रास में नौकरी लग गई थीं और बाद में साल [[1967]] में उनका स्थानांतरण [[हैदराबाद]] में हो गया।
वाणी जयराम का जन्म 30 नवंबर, 1945 को [[तमिलनाडु]] के वेल्लोर में एक तमिल परिवार में हुआ था। इनके बचपन का नाम कलैवनी था। इनके [[पिता]] का नाम दुरईसामी अयंगर और [[माता]] का नाम पद्मावती था जो रंगा रामुनाजा अयंगर के अधीन प्रशिक्षित संगीतकार थे। इनके माता पिता के तीन बेटे और छह बिटियाँ थीं। 8 साल की उम्र में वाणी जयरामने ऑल इंडिया रेडियो, [[मद्रास]] में अपना पहला सार्वजनिक प्रदर्शन दिया। वह मद्रास विश्वविद्यालय के क्वीन मैरी कॉलेज की छात्रा थीं। अपनी पढ़ाई के बाद वाणी की [[स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया]], मद्रास में नौकरी लग गई थीं और बाद में साल [[1967]] में उनका स्थानांतरण [[हैदराबाद]] में हो गया।


वाणी जयराम की शादी एक ऐसे [[परिवार]] में हुई जो पहले से ही संगीतमय था। उनके पति का नाम टी.एस. जयरमण और उनकी सास पद्मा स्वामीनाथन थीं जो सामाजिक कार्यकर्ता और कर्नाटक संगीत गायिका एफ.जी. नटेसा अय्यर की बेटी थीं। इनके पति टी.एस. जयरमण का निधन [[25 सितंबर]] [[2018]] को 79 साल की उम्र में हो गया था।
वाणी जयराम की शादी एक ऐसे [[परिवार]] में हुई जो पहले से ही संगीतमय था। उनके पति का नाम टी.एस. जयरमण और उनकी सास पद्मा स्वामीनाथन थीं जो सामाजिक कार्यकर्ता और कर्नाटक संगीत गायिका एफ.जी. नटेसा अय्यर की बेटी थीं। इनके पति टी.एस. जयरमण का निधन [[25 सितंबर]] [[2018]] को 79 साल की उम्र में हो गया था।
==कॅरियर==
==कॅरियर==
साल [[1969]] में जयराम से शादी के बाद वाणी जयराम  अपने परिवार संग [[मुंबई]] आ गईं। यहाँ आने के बाद इन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, हैदराबाद की ब्रांच से मुंबई ट्रांसफर करवा लिया। कुछ समय बाद वाणी के गायन को सुनकर उनके पति जयराम ने उन्हें [[हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत]] का प्रशिक्षण दिलवाया और पटियाला घराने के उस्ताद अब्दुल रहमान खान से [[संगीत]] की शिक्षा लेने लगी। यहां संगीत सीखते समय उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ दी और संगीत को अपना पेशा बना लिया। संगीत में उन्होंने [[ठुमरी]], [[ग़ज़ल]] और भजन स्वर सीखे और साल [[1969]] में अपना पहला म्यूजिक शो किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात संगीतकार [[वसंत देसाई]] से हुई। इन्होंने वाणी की आवाज सुनी और अपने एल्बम के लिए गाना गाने का मौका दिया। यह एल्बम मराठी लोगों को काफी पसंद आया। इसके बाद उनके पास एक के बाद एक गाने आने लगे।
साल [[1969]] में जयराम से शादी के बाद वाणी जयराम  अपने परिवार संग [[मुंबई]] आ गईं। यहाँ आने के बाद इन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, हैदराबाद की ब्रांच से मुंबई ट्रांसफर करवा लिया। कुछ समय बाद वाणी के गायन को सुनकर उनके पति जयराम ने उन्हें [[शास्त्रीय संगीत|हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत]] का प्रशिक्षण दिलवाया और पटियाला घराने के उस्ताद अब्दुल रहमान खान से [[संगीत]] की शिक्षा लेने लगी। यहां संगीत सीखते समय उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ दी और संगीत को अपना पेशा बना लिया। संगीत में उन्होंने [[ठुमरी]], [[ग़ज़ल]] और भजन स्वर सीखे और साल [[1969]] में अपना पहला म्यूजिक शो किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात संगीतकार [[वसंत देसाई]] से हुई। इन्होंने वाणी की आवाज सुनी और अपने एल्बम के लिए गाना गाने का मौका दिया। यह एल्बम मराठी लोगों को काफी पसंद आया। इसके बाद उनके पास एक के बाद एक गाने आने लगे।


साल [[1971]] से अपने 50 साल के कॅरियर में वाणी जयराम  ने 19 से अधिक भाषाओं में 10,000 से अधिक गाने रिकॉर्ड किए, जिनमें [[हिंदी]], तमिल, भोजपुरी, तेलुगु, उड़िया , मलयालम, तुलु, कन्नड़, मराठी, [[उर्दू]] और बंगाली भाषा थी। वाणी जयराम को सबसे बड़ा ब्रैक साल [[1971]] में 'गुड्डी' से मिला। इन्होंने कई दिग्गज संगीतकारों के साथ काम किया, जिनमें एम.एस. विश्वनाथन, सत्यम, चक्रवर्ती के.वी. महादेवन और [[इलैयाराजा]] थे।
साल [[1971]] से अपने 50 साल के कॅरियर में वाणी जयराम  ने 19 से अधिक भाषाओं में 10,000 से अधिक गाने रिकॉर्ड किए, जिनमें [[हिंदी]], तमिल, भोजपुरी, तेलुगु, उड़िया , मलयालम, तुलु, कन्नड़, मराठी, [[उर्दू]] और बंगाली भाषा थी। वाणी जयराम को सबसे बड़ा ब्रैक साल [[1971]] में 'गुड्डी' से मिला। इन्होंने कई दिग्गज संगीतकारों के साथ काम किया, जिनमें एम.एस. विश्वनाथन, सत्यम, चक्रवर्ती के.वी. महादेवन और [[इलैयाराजा]] थे।

09:40, 12 जुलाई 2023 का अवतरण

वाणी जयराम
वाणी जयराम
वाणी जयराम
पूरा नाम वाणी जयराम
अन्य नाम आधुनिक भारत की मीरा
जन्म 30 नवंबर, 1945
जन्म भूमि वेल्लोर, तमिलनाडु
मृत्यु 4 फ़रवरी, 2023
मृत्यु स्थान चेन्नई, तमिलनाडु
अभिभावक माता- पद्मावती

पिता- दुरईसामी अयंगर

पति/पत्नी टी.एस. जयरमण
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र पार्श्वगायन
विद्यालय क्वीन मैरी कॉलेज
पुरस्कार-उपाधि पद्म भूषण, 2023
प्रसिद्धि पार्श्वगायिका
नागरिकता भारतीय
सक्रिय वर्ष 1971–2023
अन्य जानकारी साल 1971 से अपने 50 साल के कॅरियर में वाणी जयराम ने 19 से अधिक भाषाओं में 10,000 से अधिक गाने रिकॉर्ड किए, जिनमें हिंदी, तमिल, भोजपुरी, तेलुगु, उड़िया , मलयालम, तुलु, कन्नड़, मराठी, उर्दू और बंगाली भाषा थी।

वाणी जयराम (अंग्रेज़ी: Vani Jairam, जन्म- 30 नवंबर, 1945; मृत्यु- 4 फ़रवरी, 2023) प्रसिद्ध भारतीय पार्श्वगायिका थीं। उन्हें "आधुनिक भारत की मीरा" भी कहा जाता है। वह अक्सर 1970 के दशक से लेकर 1990 के दशक के अंत तक भारत भर के कई संगीतकारों की पसंद रहीं। हिन्दी के अलावा वाणी जयराम ने कई भारतीय भाषाओं, जैसे- तेलुगू, तमिल, मलयालम, कन्नड़, मराठी, ओड़िया, गुजराती और बंगाली भाषाओं में भी गाया। उन्होंने तीन बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका के लिए 'राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार' जीता था। साल 2012 में उन्हें दक्षिण भारतीय फिल्म संगीत में उनकी उपलब्धियों के लिए 'फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड'-साउथ से सम्मानित किया गया।

परिचय

वाणी जयराम का जन्म 30 नवंबर, 1945 को तमिलनाडु के वेल्लोर में एक तमिल परिवार में हुआ था। इनके बचपन का नाम कलैवनी था। इनके पिता का नाम दुरईसामी अयंगर और माता का नाम पद्मावती था जो रंगा रामुनाजा अयंगर के अधीन प्रशिक्षित संगीतकार थे। इनके माता पिता के तीन बेटे और छह बिटियाँ थीं। 8 साल की उम्र में वाणी जयरामने ऑल इंडिया रेडियो, मद्रास में अपना पहला सार्वजनिक प्रदर्शन दिया। वह मद्रास विश्वविद्यालय के क्वीन मैरी कॉलेज की छात्रा थीं। अपनी पढ़ाई के बाद वाणी की स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, मद्रास में नौकरी लग गई थीं और बाद में साल 1967 में उनका स्थानांतरण हैदराबाद में हो गया।

वाणी जयराम की शादी एक ऐसे परिवार में हुई जो पहले से ही संगीतमय था। उनके पति का नाम टी.एस. जयरमण और उनकी सास पद्मा स्वामीनाथन थीं जो सामाजिक कार्यकर्ता और कर्नाटक संगीत गायिका एफ.जी. नटेसा अय्यर की बेटी थीं। इनके पति टी.एस. जयरमण का निधन 25 सितंबर 2018 को 79 साल की उम्र में हो गया था।

कॅरियर

साल 1969 में जयराम से शादी के बाद वाणी जयराम अपने परिवार संग मुंबई आ गईं। यहाँ आने के बाद इन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, हैदराबाद की ब्रांच से मुंबई ट्रांसफर करवा लिया। कुछ समय बाद वाणी के गायन को सुनकर उनके पति जयराम ने उन्हें हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण दिलवाया और पटियाला घराने के उस्ताद अब्दुल रहमान खान से संगीत की शिक्षा लेने लगी। यहां संगीत सीखते समय उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ दी और संगीत को अपना पेशा बना लिया। संगीत में उन्होंने ठुमरी, ग़ज़ल और भजन स्वर सीखे और साल 1969 में अपना पहला म्यूजिक शो किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात संगीतकार वसंत देसाई से हुई। इन्होंने वाणी की आवाज सुनी और अपने एल्बम के लिए गाना गाने का मौका दिया। यह एल्बम मराठी लोगों को काफी पसंद आया। इसके बाद उनके पास एक के बाद एक गाने आने लगे।

साल 1971 से अपने 50 साल के कॅरियर में वाणी जयराम ने 19 से अधिक भाषाओं में 10,000 से अधिक गाने रिकॉर्ड किए, जिनमें हिंदी, तमिल, भोजपुरी, तेलुगु, उड़िया , मलयालम, तुलु, कन्नड़, मराठी, उर्दू और बंगाली भाषा थी। वाणी जयराम को सबसे बड़ा ब्रैक साल 1971 में 'गुड्डी' से मिला। इन्होंने कई दिग्गज संगीतकारों के साथ काम किया, जिनमें एम.एस. विश्वनाथन, सत्यम, चक्रवर्ती के.वी. महादेवन और इलैयाराजा थे।

पुरस्कार व सम्मान

वाणी जयराम को तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा अलग-अलग भाषाओं में गाना गाने के लिए कई राज्यों से अवार्ड मिले और साल 2023 में भारत सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया।

मृत्यु

मशहूर गायिका वाणी जयराम का निधन 4 फ़रवरी, 2023 को हुआ। उन्हें चेन्नई में उनके घर में मृत पाया गया। वाणी जयराम की उम्र 78 साल थीं। मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस रिपोर्ट में उनकी मृत्यु को अप्राकृतिक बताया गया है क्योंकि उनकी मृत्यु के कारणों का सही कारण अभी पता नहीं चल सका है। हालांकि, पुलिस को जब उनके घर में वाणी जयराम का मृत शरीर मिला तो उनके सिर में चोट लगी थी और काफी खून बह चुका था। इस हेड इंजरी को ही उनकी मृत्यु का कारण बताया जा रहा है।

मृत्यु से सप्ताह भर पहले ही वाणी जयराम को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए वाणी जयराम के योगदान को याद किया और उन्हें श्रंद्धाजलि देती हुए लिखा, “वाणी जयराम जी को लोग उनकी सुरीली आवाज और कला जगत में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है। उन्होंने कई भाषाओं में गीत गाए हैं। उनकी प्रस्तुतियां विभिन्न भावनाओं को स्वर देती हैं। वाणी जयराम का निधन कला जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति।”[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. Error on call to Template:cite web: Parameters url and title must be specified (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 08 जुलाई, 2023।

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