"जग मंदिर उदयपुर": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
गोल महल के पूर्व में संगमरमर की केवल बारह बड़ी-बड़ी शिलाओं से बना हुआ एक महल है। इसी महल में महाराणा [[स्वरुप सिंह]] ने सन 1857 में हुए सिपाही विद्रोह के समय नीमच के कई अंग्रेज़ अफसरों को रहने के लिए आश्रय दिया था। | गोल महल के पूर्व में संगमरमर की केवल बारह बड़ी-बड़ी शिलाओं से बना हुआ एक महल है। इसी महल में महाराणा [[स्वरुप सिंह]] ने सन 1857 में हुए सिपाही विद्रोह के समय नीमच के कई अंग्रेज़ अफसरों को रहने के लिए आश्रय दिया था। | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= |
12:18, 10 जनवरी 2011 का अवतरण
उदयपुर राजस्थान का एक ख़ूबसूरत शहर है और उदयपुर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जगमंदिर के बाहर तालाब के किनारे पत्थर के हाथियों की एक पंक्ति बनी हुई है। एक गुंबदाकार छत वाला महल जगमंदिर के मुख्य स्थान पर है, जिसे गोल महल कहते हैं। शाहजादा ख़ुर्रम (शाहजहाँ) अपने पिता जहाँगीर से विद्रोह कर कुछ समय के लिए यहीं गोल महल में रहा था। कुछ लोगों के अनुसार यह कहा गया है कि इस महल को महाराणा कर्णसिंह ने शाहजहाँ के लिए बनवाया था। लेकिन कुछ लोगों का यह मानना है कि जब शाहजादा ख़ुर्रम शाही फ़ौज का सेनापति बनकर उदयपुर में निवास कर रहा था तब इस महल का निर्माण करवाया गया था।
गोल महल की वास्तुकला तथा निर्माण-योजना मेवाड़ शैली से अलग है। आगरा के प्रसिद्ध ताजमहल की निर्माण शैली को कुछ विद्वान इस इमारत से ही प्रभावित मानते हैं। इसके गुम्बद में पत्थर की पच्चीकारी का काम है और महल के सामने एक विशाल चौक है, जिसके मध्य में एक बड़ा हौज बना हुआ है। महाराणा संग्रामसिंह द्वितीय ने बाद में अपने समय में इसमें कई दालान तथा अन्य हिस्सों का निर्माण करवाया था। एक बहुत बड़े बगीचे के निर्माण हो जाने से इस महल की ख़ूबसूरती और भी बढ़ गई है।
गोल महल के पूर्व में संगमरमर की केवल बारह बड़ी-बड़ी शिलाओं से बना हुआ एक महल है। इसी महल में महाराणा स्वरुप सिंह ने सन 1857 में हुए सिपाही विद्रोह के समय नीमच के कई अंग्रेज़ अफसरों को रहने के लिए आश्रय दिया था।
|
|
|
|
|