"बैक्ट्रिया": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "महत्वपूर्ण" to "महत्त्वपूर्ण") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
*सीरियन सम्राट की निर्बलता से लाभ उठाकर वह स्वतंत्र हो गया और इस प्रकार बैक्ट्रिया के स्वतंत्र यवन राज्य की स्थापना हुई। | *सीरियन सम्राट की निर्बलता से लाभ उठाकर वह स्वतंत्र हो गया और इस प्रकार बैक्ट्रिया के स्वतंत्र यवन राज्य की स्थापना हुई। | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार=आधार1 | |आधार=आधार1 |
13:05, 10 जनवरी 2011 का अवतरण
- 210 ई. पू. के लगभग विशाल मौर्य साम्राज्य की शक्ति क्षीण हो गई थी, और कलिंग, आन्ध्र आदि अनेक देश उसकी अधीनता से मुक्त होकर स्वतंत्र हो गए थे।
- वैसे ही इसी काल के लगभग सेल्यूकस द्वारा स्थापित 'सीरियन साम्राज्य' की शक्ति भी क्षीण होने लग गयी, और उसकी अधीनता से भी अनेक देश मुक्त हो गए।
- सीरियन साम्राज्य की अधीनता से मुक्त हुए इन देशों में 'बैक्ट्रिया' (बाख्त्री) और पार्थिया (पार्थव) के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
- बैक्ट्रिया विशाल सीरियन साम्राज्य का एक प्रान्त था, और वहाँ का शासन करने के लिए सीरियन सम्राटों की ओर से क्षत्रपों की नियुक्ति की जाती थी।
- इस प्रदेश की आबादी में ग्रीक (यवन) लोगों का महत्त्वपूर्ण स्थान था।
- 250 ई. पू. के लगभग बैक्ट्रिया के क्षत्रप के पद पर डायोडोटस (दियोदोत) नियुक्त था।
- सीरियन सम्राट की निर्बलता से लाभ उठाकर वह स्वतंत्र हो गया और इस प्रकार बैक्ट्रिया के स्वतंत्र यवन राज्य की स्थापना हुई।
|
|
|
|
|