"अम्बर क़िला जयपुर": अवतरणों में अंतर
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*'''आमेर | *'''आमेर क़िला ही अम्बर क़िला''' कहा जाता है। | ||
*इस राजप्रसाद का निर्माण 1592 ई. में महाराज [[मानसिंह]] ने शुरू करवाया था। | *इस राजप्रसाद का निर्माण 1592 ई. में महाराज [[मानसिंह]] ने शुरू करवाया था। | ||
*पूरे सात वर्षों के उपरान्त सवाई राजा [[जयसिंह]] ने इसे पूर्णरूप प्रदान किया। | *पूरे सात वर्षों के उपरान्त सवाई राजा [[जयसिंह]] ने इसे पूर्णरूप प्रदान किया। |
13:32, 28 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- आमेर क़िला ही अम्बर क़िला कहा जाता है।
- इस राजप्रसाद का निर्माण 1592 ई. में महाराज मानसिंह ने शुरू करवाया था।
- पूरे सात वर्षों के उपरान्त सवाई राजा जयसिंह ने इसे पूर्णरूप प्रदान किया।
- इस क़िले का दोहरा दरवाज़ा पार कर पीछे की ओर बंगाल की आराध्य देवी काली का मंदिर है।
- राजा जयसिंह ने इस रक्तपात भरे कार्यक्रम को बन्द करवा दिया।
- देखें- {{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}} आमेर क़िला
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