"थट्टा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (Adding category Category:ऐतिहासिक स्थान कोश (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
पंक्ति 27: | पंक्ति 27: | ||
[[Category:विदेशी स्थान]] | [[Category:विदेशी स्थान]] | ||
[[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:इतिहास कोश]] | ||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:11, 26 जून 2011 का अवतरण
- थट्टा वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रदेश में सिंधु नदी के बीच स्थित एक टापू था।
- फ़िरोज तुग़लक़ ने सन 1362 ई. में बड़ी सेना की सहायता से थट्टा पर आक्रमण किया।
- उस समय थट्टा सिंध के अंतर्गत था और सिन्ध में राजा जाम बाबनिया का राज्य था।
- राजा जाम ने दृढ़तापूर्वक मुक़ाबला किया। फ़िरोज असफल रहा।
- सन 1363 ई.में फ़िरोज ने थट्टा पर फिर आक्रमण किया।
- इस बार जाम बाबनिया ने फ़िरोज के आधिपत्य को स्वीकार करके उसे वार्षिक कर देना स्वीकार कर लिया।
- थट्टा मध्यकाल में प्रमुख व्यवसायिक एवं व्यापारिक केन्द्र था।
- थट्टा अपनी विशेष स्थिति के कारण अनाज, घोड़े, कपड़ा, रेशम आदि के लिए लेन-देन का केन्द्र था।
- यह अरब एवं इराक से आने वाले व्यापारियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण था।
- मिनहाज, इब्नबतूता आदि ने इस नगर का रोचक वर्णन किया है।
- इसके बड़े-बड़े बाज़ार, उद्यान व सरायें यात्रियों को हर प्रकार का आराम देते थे।
- यह नगर मुल्तान तथा अन्य नगरों से जलमार्ग के द्वारा जुड़ा हुआ था और यहाँ नौकाओं द्वारा व्यापार होता था।
|
|
|
|
|