"इंद्र पर्वत": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
छो (श्रेणी:नया पन्ना (को हटा दिया गया हैं।)) |
No edit summary |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
<poem>'वैदेहस्यस्तु कौन्तेय इन्द्रपर्वतमन्तिकात्, | <poem>'वैदेहस्यस्तु कौन्तेय इन्द्रपर्वतमन्तिकात्, | ||
किरातानामधिपतीनजयत् सप्त पांडव:।'<ref>[[सभा पर्व महाभारत|महाभारत सभा पर्व]] 30, 15</ref></poem> | किरातानामधिपतीनजयत् सप्त पांडव:।'<ref>[[सभा पर्व महाभारत|महाभारत सभा पर्व]] 30, 15</ref></poem> | ||
इन्द्र पर्वत के समीप सात किरात-नरेशों को [[भीम]] ने अपनी दिग्विजय यात्रा में विजित किया था। इन्द्र पर्वत संभवत: [[नेपाल]] का वह पहाड़ी भाग था जो गंडकी और [[कोसी नदी|कोसी नदियों]] के बीच में स्थित है। इन्द्र पर्वत के प्रदेश की विजय भीम ने विदेह ([[बिहार]]) में ठहर कर की थी जिससे इन दोनों देशों का प्रातिवेश्य सूचित होता है। | *इन्द्र पर्वत के समीप सात किरात-नरेशों को [[भीम]] ने अपनी दिग्विजय यात्रा में विजित किया था। | ||
*इन्द्र पर्वत संभवत: [[नेपाल]] का वह पहाड़ी भाग था जो गंडकी और [[कोसी नदी|कोसी नदियों]] के बीच में स्थित है। | |||
*इन्द्र पर्वत के प्रदेश की विजय भीम ने विदेह ([[बिहार]]) में ठहर कर की थी जिससे इन दोनों देशों का प्रातिवेश्य सूचित होता है। | |||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | {{संदर्भ ग्रंथ}} |
07:55, 20 अगस्त 2011 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
'वैदेहस्यस्तु कौन्तेय इन्द्रपर्वतमन्तिकात्,
किरातानामधिपतीनजयत् सप्त पांडव:।'[1]
- इन्द्र पर्वत के समीप सात किरात-नरेशों को भीम ने अपनी दिग्विजय यात्रा में विजित किया था।
- इन्द्र पर्वत संभवत: नेपाल का वह पहाड़ी भाग था जो गंडकी और कोसी नदियों के बीच में स्थित है।
- इन्द्र पर्वत के प्रदेश की विजय भीम ने विदेह (बिहार) में ठहर कर की थी जिससे इन दोनों देशों का प्रातिवेश्य सूचित होता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत सभा पर्व 30, 15