"सिटी पैलेस जयपुर": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "गलीचे" to "ग़लीचे") |
प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा पर्यटन | |||
|चित्र=City-Palace-Jaipur-1.jpg | |||
|चित्र का नाम=सिटी पैलेस, जयपुर | |||
|विवरण=[[राजपूत]] और [[मुग़ल]] स्थापत्य में बना महाराजा का यह राजकीय आवास चन्द्र महल के नाम से विख्यात हुआ। | |||
|राज्य=[[राजस्थान]] | |||
|केन्द्र शासित प्रदेश= | |||
|ज़िला=[[जयपुर ज़िला|जयपुर]] | |||
|निर्माता=[[जयसिंह|सवाई जयसिंह]] | |||
|स्वामित्व= | |||
|प्रबंधक= | |||
|निर्माण काल=1729 ई.-1732 ई. | |||
|स्थापना=1732 ई. | |||
|भौगोलिक स्थिति=[http://maps.google.com/maps?q=26.9255,75.8236&ll=26.925973,75.823603&spn=0.017601,0.042272&t=m&z=15&vpsrc=0&iwloc=near उत्तर- 26° 55' 31.80", पूर्व- 75° 49' 24.96"] | |||
|मार्ग स्थिति=सिटी पैलेस [[हवा महल जयपुर|हवा महल]] [[जयपुर]] से लगभग 1 से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। | |||
|मौसम= | |||
|तापमान= | |||
|प्रसिद्धि= | |||
|कब जाएँ= | |||
|कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। | |||
|हवाई अड्डा=जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | |||
|रेलवे स्टेशन=जयपुर रेलवे स्टेशन, बैस गोदाम रेलवे स्टेशन | |||
|बस अड्डा=सिन्धी कैंप बस अड्डा | |||
|यातायात=स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा | |||
|क्या देखें=आर्ट गैलरी, छवि निवास, मुकुट महल, श्री गोविन्द देव मंदिर। | |||
|कहाँ ठहरें=होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह | |||
|क्या खायें= | |||
|क्या ख़रीदें= | |||
|एस.टी.डी. कोड=0141 | |||
|ए.टी.एम=लगभग सभी | |||
|सावधानी= | |||
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?saddr=City+Palace,+Jaipur&daddr=hawa+mahal+jaipur&hl=en&ll=26.924978,75.824289&spn=0.017869,0.027595&sll=26.925743,75.818195&sspn=0.017869,0.027595&geocode=FfnZmgEdLvqEBCHFp3mMhtmcag%3BFXTTmgEdrwWFBCmlC9MbS7FtOTEMssweU10Ohg&vpsrc=6&mra=ls&t=m&z=15 गूगल मानचित्र] | |||
|संबंधित लेख=[[जन्तर मन्तर जयपुर|जन्तर मन्तर]], [[हवा महल जयपुर|हवा महल]], [[अल्बर्ट हॉल संग्रहालय जयपुर|अल्बर्ट हॉल संग्रहालय]], [[जल महल जयपुर|जल महल]], [[ईसरलाट जयपुर|ईसरलाट]], [[आमेर का क़िला जयपुर|आमेर का क़िला]] | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=चन्द्र महल महाराजाओं के सुख सुविधा की दृष्टि से स्थापत्य और वास्तुशिल्प का अनूठा नमूना है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन={{अद्यतन|14:19, 2 दिसम्बर 2011 (IST)}} | |||
}} | |||
सवाई [[जयसिंह]] ने [[जयपुर]] शहर की स्थापना करते हुये चार दीवारी का लगभग सातवां हिस्सा अपने निजी निवास के लिये बनवाया। [[राजपूत]] और मुग़ल स्थापत्य में बना महाराजा का यह राजकीय आवास चन्द्र महल के नाम से विख्यात हुआ। चन्द्र महल में प्रवेश करते ही मुबारक महल के नाम से एक चतुष्कोणीय महल बना हुआ है। इस महल में स्थित पोथीखाने में बहुमूल्य दुर्लभ हस्तलिखित ग्रन्थो की पाण्डुलिपियां सरंक्षित है। महल की उपरी मंजिल पर बने वस्त्रागार में संग्रहालय में राजकीय पोशाकें, अलंकरण, आभूषण आदि संग्रहित किये गये है। इसके समीप ही संग्रहालय का शस्त्रागार है जिसमें महाराजाओं द्वारा काम में लिये गये हथियार और शस्त्र प्रदर्शित किये गये है जिसमें शस्त्रागार में जयपुर के महाराजाओं को विभिन्न अवसरों पर पुरस्कार स्वरूप मिले शस्त्रों को भी प्रदर्शित किये गये हैं। | सवाई [[जयसिंह]] ने [[जयपुर]] शहर की स्थापना करते हुये चार दीवारी का लगभग सातवां हिस्सा अपने निजी निवास के लिये बनवाया। [[राजपूत]] और मुग़ल स्थापत्य में बना महाराजा का यह राजकीय आवास चन्द्र महल के नाम से विख्यात हुआ। चन्द्र महल में प्रवेश करते ही मुबारक महल के नाम से एक चतुष्कोणीय महल बना हुआ है। इस महल में स्थित पोथीखाने में बहुमूल्य दुर्लभ हस्तलिखित ग्रन्थो की पाण्डुलिपियां सरंक्षित है। महल की उपरी मंजिल पर बने वस्त्रागार में संग्रहालय में राजकीय पोशाकें, अलंकरण, आभूषण आदि संग्रहित किये गये है। इसके समीप ही संग्रहालय का शस्त्रागार है जिसमें महाराजाओं द्वारा काम में लिये गये हथियार और शस्त्र प्रदर्शित किये गये है जिसमें शस्त्रागार में जयपुर के महाराजाओं को विभिन्न अवसरों पर पुरस्कार स्वरूप मिले शस्त्रों को भी प्रदर्शित किये गये हैं। | ||
पंक्ति 7: | पंक्ति 47: | ||
चन्द्र महल महाराजाओं के सुख सुविधा की दृष्टि से स्थापत्य और वास्तुशिल्प का अनूठा नमूना है। मध्य युग में निर्मित यह भवन भूकम्प झटकों से सुरक्षित रखने के लिए तडित चालक की व्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है। | चन्द्र महल महाराजाओं के सुख सुविधा की दृष्टि से स्थापत्य और वास्तुशिल्प का अनूठा नमूना है। मध्य युग में निर्मित यह भवन भूकम्प झटकों से सुरक्षित रखने के लिए तडित चालक की व्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है। | ||
[[चित्र:City-Palace-Jaipur-4.jpg|thumb|400px|सिटी पैलेस, [[जयपुर]]|left]] | |||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
पंक्ति 17: | पंक्ति 59: | ||
==वीथिका== | ==वीथिका== | ||
<gallery widths="200"> | <gallery widths="200"> | ||
चित्र:City-Palace-Jaipur-2.jpg|सिटी पैलेस, [[जयपुर]] | चित्र:City-Palace-Jaipur-2.jpg|सिटी पैलेस, [[जयपुर]] | ||
चित्र:City-Palace-Jaipur-3.jpg|सिटी पैलेस, [[जयपुर]] | चित्र:City-Palace-Jaipur-3.jpg|सिटी पैलेस, [[जयपुर]] | ||
चित्र:City-Palace-Jaipur-1.jpg|सिटी पैलेस, [[जयपुर]] | चित्र:City-Palace-Jaipur-1.jpg|सिटी पैलेस, [[जयपुर]] | ||
</gallery> | </gallery> | ||
08:49, 2 दिसम्बर 2011 का अवतरण
सिटी पैलेस जयपुर
| |
विवरण | राजपूत और मुग़ल स्थापत्य में बना महाराजा का यह राजकीय आवास चन्द्र महल के नाम से विख्यात हुआ। |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | जयपुर |
निर्माता | सवाई जयसिंह |
निर्माण काल | 1729 ई.-1732 ई. |
स्थापना | 1732 ई. |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 26° 55' 31.80", पूर्व- 75° 49' 24.96" |
मार्ग स्थिति | सिटी पैलेस हवा महल जयपुर से लगभग 1 से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। |
जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | |
जयपुर रेलवे स्टेशन, बैस गोदाम रेलवे स्टेशन | |
सिन्धी कैंप बस अड्डा | |
स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा | |
क्या देखें | आर्ट गैलरी, छवि निवास, मुकुट महल, श्री गोविन्द देव मंदिर। |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
एस.टी.डी. कोड | 0141 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
गूगल मानचित्र | |
संबंधित लेख | जन्तर मन्तर, हवा महल, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, जल महल, ईसरलाट, आमेर का क़िला
|
अन्य जानकारी | चन्द्र महल महाराजाओं के सुख सुविधा की दृष्टि से स्थापत्य और वास्तुशिल्प का अनूठा नमूना है। |
अद्यतन | 14:19, 2 दिसम्बर 2011 (IST)
|
सवाई जयसिंह ने जयपुर शहर की स्थापना करते हुये चार दीवारी का लगभग सातवां हिस्सा अपने निजी निवास के लिये बनवाया। राजपूत और मुग़ल स्थापत्य में बना महाराजा का यह राजकीय आवास चन्द्र महल के नाम से विख्यात हुआ। चन्द्र महल में प्रवेश करते ही मुबारक महल के नाम से एक चतुष्कोणीय महल बना हुआ है। इस महल में स्थित पोथीखाने में बहुमूल्य दुर्लभ हस्तलिखित ग्रन्थो की पाण्डुलिपियां सरंक्षित है। महल की उपरी मंजिल पर बने वस्त्रागार में संग्रहालय में राजकीय पोशाकें, अलंकरण, आभूषण आदि संग्रहित किये गये है। इसके समीप ही संग्रहालय का शस्त्रागार है जिसमें महाराजाओं द्वारा काम में लिये गये हथियार और शस्त्र प्रदर्शित किये गये है जिसमें शस्त्रागार में जयपुर के महाराजाओं को विभिन्न अवसरों पर पुरस्कार स्वरूप मिले शस्त्रों को भी प्रदर्शित किये गये हैं।
मुबारक महल में श्वेत संगमरमर से निर्मित राजेन्द्र पोल से दीवाने आम में प्रवेश किया जाता है। इस समय दीवाने आम में महारजा सवाई माधोसिंह द्वितीय द्वारा अपनी इंग्लैण्ड यात्रा के दौरान गंगाजल ले जाने के लिये दो विशाल रजत कलश रखे हुए हैं।
चन्द्र महल के संग्रहालय को दिये हिस्से में महाराजाओं के आदमक़द विशाल चित्र मानचित्र, ग़लीचे एवं बहुमूल्य राजकीय सामग्री के साथ ही अनेक दुर्लभ पाण्डुलिपियां भी प्रदर्शित की गयी है। परिसर में बने दीवाने ख़ास में तत्कालीन नरेशों और महत्वपूर्ण दरवाबारियों की विशेष बैठकें आयोजित की जाती थी।
चन्द्र महल महाराजाओं के सुख सुविधा की दृष्टि से स्थापत्य और वास्तुशिल्प का अनूठा नमूना है। मध्य युग में निर्मित यह भवन भूकम्प झटकों से सुरक्षित रखने के लिए तडित चालक की व्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है।
|
|
|
|
|