"गुल्ली डंडा": अवतरणों में अंतर
कात्या सिंह (वार्ता | योगदान) छो (गुल्ली और डंडा का नाम बदलकर गुल्ली डंडा कर दिया गया है) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
{{लेख प्रगति|आधार= | {{Seealso|जलेबी दौड़|चम्मच दौड़}} | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भूले बिसरे शब्द}} | {{भूले बिसरे शब्द}}{{पारंपरिक खेल}} | ||
[[Category:भूला-बिसरा भारत]] | [[Category:भूला-बिसरा भारत]] | ||
[[Category:पारंपरिक खेल]] | [[Category:पारंपरिक खेल]] | ||
[[Category:खेल]] | [[Category:खेल]][[Category:खेलकूद_कोश]] | ||
[[Category:खेलकूद_कोश | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
14:12, 13 दिसम्बर 2011 का अवतरण
कुछ साल पहले तक अक्सर बच्चे हाथ में एक डंडा और गुल्ली लेकर खेलते हुए नजर आते थे, किंतु समय के साथ-साथ यह खेल लगभग लुप्त होने के कगार पर आ गया है। इस खेल की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें खेल सामग्री के नाम पर कुछ भी खर्चे वाली बात नहीं है, बस इसमें केवल एक 2-3 फीट लकड़ी का डंडा और एक गुल्ली जिसके दोनों किनारों को नुकीला कर दिया जाता है, जिससे उस पर डंडे से मारने पर गुल्ली उछल पड़े। इस खेल में खिलाड़ियों की संख्या कितनी भी हो सकती है, 2 , 4, 10 या इससे भी अधिक।
- खेल के नियम
खेल के नियम भी बिल्कुल आसान हैं, खेल शुरू करने से पहले जमीन पर एक 2 इंच गहरा और 4 इंच लम्बा गडढ़ा खोदा जाता है, एक खिलाड़ी उस गड्ढ़े पर गिल्ली को टिका कर जोर से डंडे के द्वारा दूर फेंकता है, और दूसरे खिलाड़ी उसे लपकने के लिए तैयार रहते हैं, अगर गिल्ली लपक ली जाती है तो वो खिलाड़ी बाहर हो जाता है और यदि गिल्ली जमीन पर गिर जाती है तो गिल्ली उठा कर डंडे को मारा जाता है जो कि गड्ढ़े के पर उस खिलाड़ी द्वारा रख दिया जाता है, अगर दूसरी टीम ने डंडे को निशाना बना दिया तो भी खिलाड़ी बाहर हो जाता है और अगर नही तो अब वह खिलाड़ी अपना डंडा लेकर गिल्ली के एक सिरे को डंडे से मारा जाता है और गिल्ली हवा में उठते ही डंडे की सहायता से दूर से दूर भेजी जाती है। जिसकी गिल्ली जितनी दूर जाती है, वही खेल में जीत जाता है। उस दूरी से गड्ढ़े की दूरी को डंडे द्वारा मापा जाता है और उतने ही अंक उस टीम को मिलती है। इस प्रकार से ये खेल खेला जाता है और हारने वाली टीम को शर्त के अनुसार मुक्के या धौल जमाये जाते हैं। यह खेल प्रति व्यक्ति या टीम के आथ खेला जाता है। इसमे कोई भी हार पराजय की भावना नहीं होती है बिल्कुल ही खेल भावना के खेला जाने वाला ये खेल आज लगभग लुप्त हो रहा है।
- सावधानी
इस खेल में आँख में चोट लगने की संभावना रहती है। अत: यह खेल बहुत ही सावधानीपूर्वक खेलना चाहिए।
इन्हें भी देखें: जलेबी दौड़ एवं चम्मच दौड़
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ