"क्या आकाश उतर आया है -माखन लाल चतुर्वेदी": अवतरणों में अंतर
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क्या आकाश उतर आया है | क्या आकाश उतर आया है, | ||
दूबों के दरबार में | दूबों के दरबार में, | ||
नीली भूमि हरि हो आई | नीली भूमि हरि हो आई, | ||
इस किरणों के ज्वार में। | इस किरणों के ज्वार में। | ||
क्या देखें तरुओं को, उनके | क्या देखें तरुओं को, उनके | ||
फूल लाल अंगारे हैं | फूल लाल अंगारे हैं, | ||
वन के विजन भिखारी ने | वन के विजन भिखारी ने, | ||
वसुधा में हाथ पसारे हैं। | वसुधा में हाथ पसारे हैं। | ||
नक्शा उतर गया है बेलों | नक्शा उतर गया है, बेलों | ||
की अलमस्त जवानी का | की अलमस्त जवानी का | ||
युद्ध ठना, मोती की लड़ियों | युद्ध ठना, मोती की लड़ियों | ||
से दूबों के पानी का। | से दूबों के पानी का। | ||
तुम न नृत्य कर उठो मयूरी | तुम न नृत्य कर उठो मयूरी, | ||
दूबों की हरियाली पर | दूबों की हरियाली पर, | ||
हंस तरस खायें उस- | हंस तरस खायें, उस - | ||
मुक्ता बोने वाले माली पर। | मुक्ता बोने वाले माली पर। | ||
ऊँचाई यों फिसल पड़ी है | ऊँचाई यों फिसल पड़ी है, | ||
नीचाई के प्यार में, | नीचाई के प्यार में, | ||
क्या आकाश उतर आया है | क्या आकाश उतर आया है, | ||
दूबों के दरबार में? | दूबों के दरबार में? | ||
07:42, 24 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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क्या आकाश उतर आया है, |
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