"बसंत मनमाना -माखन लाल चतुर्वेदी": अवतरणों में अंतर
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धूल पड़ गई है पत्तों पर डालों लटकी किरणें | धूल पड़ गई है पत्तों पर डालों लटकी किरणें | ||
छोटे-छोटे पौधों को चर रहे | छोटे-छोटे पौधों को चर रहे बाग़ में हिरणें, | ||
दोनों हाथ बुढ़ापे के थर-थर काँपे सब ओर | दोनों हाथ बुढ़ापे के थर-थर काँपे सब ओर | ||
किन्तु आँसुओं का होता है कितना पागल ज़ोर- | किन्तु आँसुओं का होता है कितना पागल ज़ोर- |
12:45, 16 फ़रवरी 2012 का अवतरण
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चादर-सी ओढ़ कर ये छायाएँ |
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