"बैराठ जयपुर": अवतरणों में अंतर

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*बैराठ के समीप पहाडियों पर भव्‍य [[बौद्ध]] मठ के भी अवशेष मिले हैं।  
*बैराठ के समीप पहाडियों पर भव्‍य [[बौद्ध]] मठ के भी अवशेष मिले हैं।  
*यह अवशेष बौद्ध अनुयायियों के लिये पर्यटन की असीम संभावनाएं समेटे हुए है।
*यह अवशेष बौद्ध अनुयायियों के लिये पर्यटन की असीम संभावनाएं समेटे हुए है।
*बैराठ के [[मौर्य काल|मौर्य]], [[मुग़ल]] व [[राजपूत]] समय के स्मृतिचिन्ह भी है।  
*बैराठ के [[मौर्य काल|मौर्य]], [[मुग़ल]] व [[राजपूत]] समय के स्मृतिचिह्न भी है।  
*मुग़ल यहाँ शिकार के लिए आया कारते थे।
*मुग़ल यहाँ शिकार के लिए आया कारते थे।
*[[अकबर]] द्वारा निर्मित एक बाग़ीचा और [[जहाँगीर]] द्वारा निर्मित 'चित्रित' छतरियों व दीवारों से युक्त असाधारण इमारत अन्य आकर्षण है।
*[[अकबर]] द्वारा निर्मित एक बाग़ीचा और [[जहाँगीर]] द्वारा निर्मित 'चित्रित' छतरियों व दीवारों से युक्त असाधारण इमारत अन्य आकर्षण है।

11:00, 1 मार्च 2012 का अवतरण

बैराठ (वैराट अथवा विराट भी) जयपुर से 86 किमी दूर, शाहपुरा-अलवर मार्ग पर स्थित है। बैराठ प्राचीन धरोहर को संजोये हुए एक ऐतिहासिक स्थल है।

  • महाभारत काल में यह मत्स्य जनपद की राजधानी था।
  • महाभारत के अनुसार पांडवों ने यहाँ पर अपना एक वर्ष का अज्ञात वास व्‍यतीत किया था।
  • बैराठ के समीप पहाडियों पर भव्‍य बौद्ध मठ के भी अवशेष मिले हैं।
  • यह अवशेष बौद्ध अनुयायियों के लिये पर्यटन की असीम संभावनाएं समेटे हुए है।
  • बैराठ के मौर्य, मुग़लराजपूत समय के स्मृतिचिह्न भी है।
  • मुग़ल यहाँ शिकार के लिए आया कारते थे।
  • अकबर द्वारा निर्मित एक बाग़ीचा और जहाँगीर द्वारा निर्मित 'चित्रित' छतरियों व दीवारों से युक्त असाधारण इमारत अन्य आकर्षण है।

इन्हें भी देखें: विराट, विराट नगर, विराट पर्व महाभारत एवं मत्स्य महाजनपद

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