"तुम्हारा चित्र -माखन लाल चतुर्वेदी": अवतरणों में अंतर

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तुम आए, बोले, तुम खेले
तुम आए, बोले, तुम खेले
दिवस-रात्रि बांहों पर झेले
दिवस-रात्रि बांहों पर झेले
साँसों में तूफान सकेले
साँसों में तूफ़ान सकेले
जो ऊगा वह मित्र बन गया,
जो ऊगा वह मित्र बन गया,
मधुर! तुम्हारा चित्र बन गया।
मधुर! तुम्हारा चित्र बन गया।

07:54, 5 मार्च 2012 का अवतरण

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तुम्हारा चित्र -माखन लाल चतुर्वेदी
माखन लाल चतुर्वेदी
माखन लाल चतुर्वेदी
कवि माखन लाल चतुर्वेदी
जन्म 4 अप्रैल, 1889 ई.
जन्म स्थान बावई, मध्य प्रदेश
मृत्यु 30 जनवरी, 1968 ई.
मुख्य रचनाएँ कृष्णार्जुन युद्ध, हिमकिरीटिनी, साहित्य देवता, हिमतरंगिनी, माता, युगचरण, समर्पण, वेणु लो गूँजे धरा, अमीर इरादे, गरीब इरादे
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
माखन लाल चतुर्वेदी की रचनाएँ

मधुर! तुम्हारा चित्र बन गया
कुछ नीले कुछ श्वेत गगन पर
हरे-हरे घन श्यामल वन पर
द्रुत असीम उद्दण्ड पवन पर
चुम्बन आज पवित्र बन गया,
मधुर! तुम्हारा चित्र बन गया।

तुम आए, बोले, तुम खेले
दिवस-रात्रि बांहों पर झेले
साँसों में तूफ़ान सकेले
जो ऊगा वह मित्र बन गया,
मधुर! तुम्हारा चित्र बन गया।

ये टिमटिम-पंथी ये तारे
पहरन मोती जड़े तुम्हारे
विस्तृत! तुम जीते हम हारे!
चाँद साथ सौमित्र बन गया।
मधुर! तुम्हारा चित्र बन गया।

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