"दिलावर ख़ाँ ग़ोरी": अवतरणों में अंतर

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'''दिलावर ख़ाँ ग़ोरी''', [[मुहम्मद ग़ोरी|शाहबुद्दीन मुहम्मद ग़ोरी]] का वंशज होने का दावा करने वाला एक सरदार था।
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07:43, 24 मार्च 2012 के समय का अवतरण

दिलावर ख़ाँ ग़ोरी, शाहबुद्दीन मुहम्मद ग़ोरी का वंशज होने का दावा करने वाला एक सरदार था।

  • वह 1392 ई. में मालवा का सूबेदार नियुक्त किया गया।
  • जब तैमूर ने 1398 ई. में दिल्ली पर आक्रमण किया, तो चारों ओर अराजकता उत्पन्न हो गई।
  • इस अराजकता का लाभ उठाकर दिलावर ख़ाँ ग़ोरी मालवा का स्वतंत्र शासक बन बैठा।
  • पाँच वर्ष शासन करने के पश्चात् उसकी मृत्यु हो गई।
  • 1406 ई. में उसका पुत्र 'अल्प ख़ाँ' गद्दी पर बैठा, और उससे मालवा में एक नये राजवंश का प्रचलन हुआ।
  • मालवा स्वाधीन राज्य के रूप में 1561 ई. तक बचा रहा, जबकि मुग़ल सम्राट अकबर ने उसे विजय करके अपने अधिकार में कर लिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 203।

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